Haryana Assembly Election: योगेंद्र शर्मा. चंडीगढ़। आखिरकार अब हरियाणा विधानसभा सियासी जंग-2024 के लिए मैदान सज गया है। सीट और चेहरे भी साफ हो गए हैं। विधानसभा चुनावों को लेकर अब गली मोहल्ले से लेकर सरकारी दफ्तरों हर तरफ सियासी चर्चा चली हुई है, खास तौर पर प्रदेश के खास चेहरों को लेकर ज्यादा शर्तें लगाई जा रहीं हैं। पूरे सियासी माहौल को देखने सुनने के बाद में साफ हो रहा है कि सियासी दिग्गजों की सीटों पर सभी की नजरे परिणाम और उसके पहले तक लगी रहेंगी।
दरअसल, हरियाणा विधानसभा चुनावों पर प्रदेश की जनता की नहीं बल्कि पूरे देश की नजरें हैं। यही कारण भी है कि राष्ट्रीय चैनलों और हर मंच पर सियासी चर्चा, सवाल जवाब चल रहे हैं। इस क्रम में सबसे पहले खास खिलाड़ी चेहरे की बात करें, तो विनेश फोगाट जुलाना विधानसभा सीट का जिक्र करना ज्यादा ठीक रहेगा। फोगाट की जीत को लेकर लोग भले ही आश्वस्त दिख रहे हों लेकिन सियासत के मंजे हुए खिलाड़ी चुनाव को चुनाव की तरह से देख रहे हैं। वैसे, देशभर की नजरे इस सीट पर लगी रहेंगी । कांग्रेस ने विनेश फोगाट को चुनावी मैदान में उतारकर सियासी बहस को तेज कर दिया था।
हरियाणा में विधानसभा चुनावों के नामांकन का सिलसिला 12 को थमने के बाद अब नामांकन वापसी का वक्त भी आ चुका है, माना जा रहा है कि नाराज नेताओं को मान मनौव्वल कर टिकट पाने वाले सियासी दिग्गज बैठाने का काम करेंगे। तमाम सीटों पर चेहरे साफ हो चुके हैं। भाजपा से लेकर कांग्रेस और इनेलो के साथ-साथ जननायक जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी सभी के सियासी दिग्गज जमकर चुनाव प्रचार के मैदान में उतर रहे है। कुरुक्षेत्र की धरती पर देश देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दमदार शुरुआत कर चुके हैं, साथ ही प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं के कामकाज व बयानबाजी को लेकर तीखा हमला कर चुके हैं।
कुल मिलाकर भावुक और राष्ट्रवादी हरियाणा में उनके संबोधन का प्रभाल पूर्व में काफी हद तक कामयाब रहा है, इस बार क्या होगा यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा हुआ है। कुल मिलाकर नाम वापसी की तारीख तक कुछ चेहरों के मैदान से बाहर निकल जाने पर भी बहस छिड़ी हुई है, नाराज और असंतुष्ट कांग्रेसी दिग्गजों, भाजपा के दिग्गजों पर तरह तरह से दबाव बनाया जा रहा है।
प्रदेश के अंदर प्रमुख सीटों को लेकर सियासी चर्चाओं का दौर गली नुक्कड़ और चाय की दुकान से लेकर अफसर शाही में बहस का विषय बना है। सभी अपने अपने हिसाब से कांग्रेस, भाजपा, आप, इनेलो, जजपा को सीटें व नंबर दे रहे हैं। आने वाली 5 अक्टूबर को 90 विधानसभा की सीटों के लिए वोटर सियासी दिग्गजों का भविष्य लिखने जा रहे हैं। इनके परिणाम प्रदेश और देश के सामने 8 अक्टूबर को आएंगे। इस बार का त्योहारी सीजन किन लोगों के लिए खुशखबरी लेकर आएगा और किन लोगों को निराशा हाथ लगती है ? इस पर सभी की नजरे रहेंगी।
एक दशक तक प्रदेश में राज कर चुके भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को इस बार अच्छी खासी चुनौती पेश आ रही है। लेकिन भाजपा के सियासी दिग्गज हैट्रिक बनाने के दावे कर रहे हैं। लोकसभा में भी भारतीय जनता पार्टी को 5 सीटों का नुकसान हो चुका है। लोकसभा की 10 सीटों में उन्हें केवल पांच सीटों पर ही विजयश्री प्राप्त हुई है। पांच सीटें कांग्रेस की झोली में चली गई हैं, पांच लोकसभा की सीटें जीतने के साथ कांग्रेस के नेता भी अति उत्साहित हैं। दूसरी ओर निर्दलीय और छोटे-छोटे क्षेत्रीय दल भाजपा और कांग्रेस का सियासी खेल बिगड़ने के लिए रणनीति बनाकर मैदान में कूदे हुए हैं।
पहलवान का मुकाबला कमर्शियल पायलट से
खास बात यहां पर यह है कि जींद के तहत आने वाली जुलाना सीट पर सियासी अखाड़े में खुद विनेश फोगाट मैदान में है। चरखी दादरी बल्ली की रहने वाली विनेश ससुराल से चुनाव लड़ना सभी की लिए रुचि का कारण बना है। उनकी सियासी जंग भाजपा कप्तान योगेश बैरागी से है, जो कमर्शियल पायलट हैं। हरियाणा भाजपा की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा के वर्तमान उपाध्यक्ष हैं। आम आदमी पार्टी ने भी यहां खिलाड़ी और भारत की पहली महिला पेशेवर पहलवान कविता दलाल को उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतारा है। इस प्रकार से इस सीट पर बड़ा ही रोचक मुकाबला होने जा रहा है।
पूर्व सीएम के सामने अंदर बाहर की दोनों चुनौती
रोहतक की बात करें तो, एक दशक तक मुख्यमंत्री रहने वाले भूपेंद्र हुड्डा के इस एरिया में गढ़ी सांपला किलोई सीट बेहद ही अहम रहेगी जाट लैंड कहे जाने वाले इस इलाके में एक दशक तक सीएम रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा परिवार का दबदबा है। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष के सामने इस बार पार्टी के अंदर और बाहर कई तरह की चुनौतियां हैं।
भाजपा ने यहां पर मंजू हुड्डा को मैदान में उतारा है, जो रोहतक जिला परिषद की अध्यक्ष हैं। उनके परिवार के माध्यम से भाजपा ने यहां सियासी चुनौती पेश करते हुए उन्हें उम्मीदवार बना दिया है। उनके पति राजेश हुड्डा रोहतक में एक जाने-माने नेता हैं। उनके पिता प्रदीप यादव हरियाणा पुलिस के डीएसपी रह चुके हैं। आम आदमी पार्टी ने यहां से प्रवीण को चुना है और उनको उम्मीदवार बनाया है।
मुख्यमंत्री की सीट को लेकर भी चर्चाओं और शर्तों का दौर
कुरुक्षेत्र जिले की लाडवा सीट भी इस बार सबसे हाट सीटों में एक ही है। प्रदेश भर में सीएम की इस सीट को लेकर चर्चा बनी हुई है। मुख्यमंत्री नायाब सैनिक खुद चुनाव मैदान में उतरे हैं। इसके पहले उन्होंने करनाल में उपचुनाव लड़ा था और मुख्यमंत्री रह चुके मनोहर लाल खट्टर के शिष्य नायब सैनी को करनाल के लोगों ने चुनाव जिताया था। लेकिन इस बार करनाल सीट छोड़कर लाडवा पर आ गए हैं। उनके सामने कांग्रेस की ओर से मेवा सिंह सैनी को मैदान में उतारा गया है, मेवा सिंह सैनी नया नाम नहीं है, वे भी कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं।
लाडवा सीट के अलावा इस सीट पर भी सबकी नजर
लाडवा सीट के अलावा कालका हिमाचल से लगती इकलौती सीट है। जहां पर पूर्व कांग्रेसी नेता और दिग्गज मंत्री रहे विनोद शर्मा की धर्मपत्नी शक्ति रानी शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। यहां इस सीट से पूर्व में भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की दिग्गज नेत्री लतिका शर्मा विधायक रही हैं।
लेकिन, वे 2019 में चुनाव हार गईं थीं और यहां पर कांग्रेस के प्रदीप चौधरी का कब्जा है।एक दौर में इनेलो और पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला के करीबी रहे प्रदीप कांग्रेस में चले गए थे, कांग्रेस का हाथ थामने और सैलजा का आशीर्वाद मिल जाने के बाद वे विधायक बने थे।कुल मिलाकर कालका सीट पर भी मामला रोचक रहेगा। अंबाला छावनी में पूर्व गृहमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता अनिल विज चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने पूर्व मंत्री निर्मल सिंह की पुत्री चित्रा सरवारा के साथ-साथ कांग्रेस की ओर से परिमल परी एक जट सिख युवा पर कांग्रेस की ओर से दाव लगाया गया है।
चौधरी निर्मल सिंह अंबाला शहर सीट पर इस बार भाग्य आजमा रहे हैं। वे कांग्रेस की टिकट पर भारतीय जनता पार्टी के मंत्री असीम गोयल को चुनौती दे रहे हैं। इसके अलावा सिरसा क्षेत्र की सीटों के साथ-साथ जींद और एनसीआर क्षेत्र के इलाकों, गुरुग्राम क्षेत्र में राव इंदजीत सिंह की पुत्री आरती राव और कई दिग्गज नेताओं की सीटों पर पूरे प्रदेश और प्रदेश की नजरे रहेगी।
पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की साख दाव पर है
सीटों के अलावा बेहद ही खास सीटों में उचाना कला पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की साख दाव पर है। साथ ही भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु एक बार फिर नारनौंद से मैदान में उतरे हुए हैं, उनके सामने कांग्रेस ने नया चेहरा मैदान में जस्सी पेटवाड को उतारा है। इस बार पूर्व वित्तमंत्री को भरपूर रिस्पांस मिल रहा है, क्योंकि मनोहर सरकार पार्ट वन में उन्होंने इस क्षेत्र में दबाकर विकास के काम कराए उनके बल पर वोट मांग रहे हैं। लेकिन जस्सी पेटवाड़ भी तमाम तरह के दावे करते हुए अपने युवा समर्थकों के साथ मैदान में हैं।
इनेलो की कमान संभाल रहे विधायक और वरिष्ठ नेता अभय चौटाला पुत्रों सहित सियासी मैदान-ए-जंग लड़ रहे हैं, उनके चुनाव व सीट पर सभी की नजरें हैं। आप के नेता अनुराग ढांडा की सीट पर भी नजरें लगी हुई हैं, वे काफी समय पहले हरियआणा में सक्रिय हो गए थे। सियासत में बड़े नेता पूर्व मंत्री औऱ चर्चित चेहरा गोपाल कांडा, पलवल में करण दलाल पूर्व विधायक सहित अन्य कईं सीटों के प्रमुख चेहरों को लेकर भी सियासी चर्चा और बहस, शर्तों का दौर जारी है। कुल मिलाकर सियासत में बहस और चर्चा, शर्तों की हार जीत का परिणाम आने की सूरत में ही खुलासा होगा।