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हरियाणा विधानसभा चुनावों को लेकर बगावत और नाराजगी को देखते हुए भाजपा दूसरी सूची जारी करने से पहले काफी विचार विमर्श कर रही है। 23 नामों की सूची जारी करने से पहले फूंक फूंक कर कदम रखा जा रहा है। नामांकन की अंतिम ताऱीख 12 होने के कारण दबाव ज्यादा बढ़ गया है।

चंडीगढ़: पहली सूची जारी होने के बाद हुई बगावत और नाराजगी को अभी तक दूर करने में जुटे सूबे के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी अभी सभी की मान मनोवल में लगे हुए हैं। दूसरी तरफ अब 23 नामों की सूची जारी करने से पहले फूंक फूंक कर कदम रखा जा रहा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता नहीं चाहते कि चुनाव से पहले किसी भी तरह की बगावत या फिर नाराजगी हो। हालांकि नामांकन की अंतिम ताऱीख 12 होने के कारण दबाव ज्यादा बढ़ गया है।

दूसरी सूची पर सबकी नजरें

सूत्रों का कहना है कि मंगलवार देर शाम तक पार्टी की ओर से 23 बची हुई सीटों पर उम्मीदवार हर सूरत में उतारने होंगे, क्योंकि जिन उम्मीदवारों को टिकट दी जाएगी, उन्हें नामांकन के लिए भी वक्त चाहिए। भाजपा की दूसरी सूची की तरफ सभी की नजरें लगी हुई हैं, क्योंकि एनसीआर के अहीरवाल क्षेत्र औऱ गुरुग्राम, मेवात जैसे इलाकों की टिकटें भी अभी तक फाइनल नहीं हो सकी हैं। राव इंद्रजीत सिंह के प्रभाव वाले इस इलाके में भी पार्टी को बहुत सोच समझकर कदम उठाना होगा। खुद राव कह चुके हैं कि राज्य की जनता भी चाहती है कि वे ही नेतृत्व करेंगे अर्थात मुख्यमंत्री बने।

दक्षिण हरियाणा की सीटों पर निर्णय बाकी

हरियाणा में भाजपा द्वारा बची हुई जिन सीटों का एलान करना है, वहां पर भी नामों की सूची जारी होते ही टिकट कटने वाले नेताओं का नाराज होना स्वाभाविक बात है। वैसे, इसमें दक्षिण हरियाणा की छह सीटों पर फैसला बाकी है। बाकी बची हुई सीटों को लेकर केंद्रीय मंत्री और पूर्व सीएम मनोहरलाल जहां अपने समर्थकों को टिकट दिलाने के लिए जुटे हुए हैं। वहीं, अपने संसदीय क्षेत्र में राव अपने नजदीकी नेताओं और चहेतों को टिकट दिलाने की कवायद में जुटे हुए हैं। अब देखना यह होगा कि दूसरी सूची आने के बाद सियासी दिग्गज नाराज नेताओं को कहां तक मना पाएंगे।

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