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Haryana Polls: हरियाणा में यमुनानगर जिले की चारों विधानसभा हल्कों में दर्जनों रुतबेदारों बीजेपी और कांग्रेस में शामिल करने की मुहिम तेज है।

हरिभूमि न्यूज, भगवान सिंह राणा: देश की सीमा पर जम्मू सेक्टर में आंतकियों व पाकिस्तान की नापाक करतूतों का जवाब दे रहे भारतीय सैनिकों की तोपों की गड़गड़ाहट के बीच हरियाणा में चुनावी रंग पूरी तरह जम चुका है। अब तक यमुनानगर जिले की चारों विधानसभा हल्कों में दर्जनों रुतबेदार भाजपा में शामिल होकर कमल की खुशबु लेने लगे हैं।

कांग्रेस भी नहीं छोड़ रही कोई कसर

वहीं, कांग्रेस भी रुतबेदारों को अपने साथ मिलाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। इससे यमुनानगर जिले की चारों विधासभाओं में मुकाबला दिलचस्प बनने लगा है और चुनाव प्रचार में तेजी आनी शुरू हो गई है। खास बात यह है कि हिमाचल के कालाआम और लालढ़ांग से लेकर करनाल की सीमा पर स्थित जिले के आखिरी गांव गुमथला राव तक जहां भाजपा का कमल हुंकार भर रहा है।

कांग्रेस का हाथ भी जनता के बीच पहुंचने में पीछे नहीं हटता हुआ दिखाई दे रहा है। खास बात यह है कि इस बार इनेलो-बसपा गठबंधन और जजपा-एएसपी गठबंधन व आप पार्टी मुकाबले को दिलचस्प बनाते हुए भाजपा व कांग्रेस के खेमे में वोटों की सेंध लगाते हुए चुनावी दौड़ में बढ़त बनाते दिखाई दे रही है।

मतदान के लिए शेष 19 दिन

लोकतंत्र पर्व के मतदान में अब मात्र उन्नीस दिन शेष बचे हैं। ऐसे में सभी पार्टियों ने अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए इलाके के रुतबेदारों को अपने पक्ष में मिलाने का अभियान तेज कर दिया है। इस मामले में भाजपा ने सभी पार्टियों को पीछे छोड़ दिया है। सबसे अधिक रुतबेदारों को अपने संग मिलाने में जगाधरी के प्रत्याशी कंवरपाल, दूसरे नंबर पर रादौर से प्रत्याशी श्याम सिंह राणा व तीसरे नंबर पर यमुनानगर के भाजपा प्रत्याशी घनश्याम दास दिखाई दे रहे हैं।

उन्होंने अपने-अपने क्षेत्र के विभिन्न जातीय समुदाय के दिग्गजों को अपने संग मिलाकर कमल के फूल को महकाने का काम कर रहे हैं। खास बात यह है कि रादौर विधानसभा सीट से गत शनिवार को जहां आप पार्टी के वरिष्ठ नेता रणधीर चौधरी आप छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं। वहीं, भाजपा के पूर्व राज्यमंत्री कर्णदेव कांबोज को कांग्रेस पार्टी अपने खेमे में मिलाने में कामयाब हो गई है। जिसकी वजह से रादौर सीट पर अभी तक रुतबेदारों को अपनी ओर मिलाने में बराबरी की टक्कर चल रही है।

राजनैतिक पंडितों का क्या है नजरिया

रुतबेदारों के भाजपा व अन्य पार्टियों में मिलने से राजनैतिक पंडित चकित हैं। राजनैतिक विश्लेषक एवं राजनैतिक संकाय के प्रो. बिमलेश प्रताप का कहना है कि रुतबेदारों के मिलाने से भाजपा व कांग्रेस को लाभ मिलना संभव है। क्योंकि कई रुतबेदार ऐसे हैं जिनकी अपने-अपने क्षेत्र व जाती समुदाय में एक विशेष पहचान है। उनके मिलने से संबंधित पार्टी को फायदा अवश्य होगा।

इनेलो-बसपा और जजपा-एएसपी गठबंधन कर सकते हैं खेला

जिले की चारों विधानसभा सीटों पर इस बार भाजपा व कांग्रेस में आमने सामने की टक्कर नहीं दिखाई दे रही है। चारों सीटों पर बहुकोणिया मुकाबला होता दिखाई दे रहा है। खास बात यह है कि इनेलो-बसपा गठबंधन और जजपा-एएसपी का गठबंधन से भाजपा व कांग्रेस पार्टियों में भी आंकड़ों पर मंथन शुरू हो गया है।

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भाजपा और कांग्रेस दोनों ही राष्ट्रीय दलों को इनेलो-बसपा और जजपा-एएसपी गठबंधन से खेला होने का अभी से डर सताने लगा है। हालांकि, इस बारे में आठ अक्टूबर को ही पता चल सकेगा कि इनेलो बसपा और जजपा एएसपी गठबंधन राजनैतिक तौर पर कितना खेला करने में कामयाब रहते हैं।

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