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विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाले हरियाणा मंत्रिमंडल के विरुद्ध कांग्रेस के विधायकों द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव सर्वसम्मति से रद्द हो गया। सीएम ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस के सदस्य गंभीरता से चर्चा नहीं कर पाए और बीच में ही सदन को छोड़कर चले गए।

Haryana: विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाले हरियाणा मंत्रिमंडल के विरुद्ध कांग्रेस के विधायकों द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव सर्वसम्मति से रद्द हो गया। सदन में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस द्वारा पहले 2021 में भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। उस समय साढ़े 3 साल का समय बचा था, तो उनके मन में इच्छा थी कि सरकार गिर जाएगी तो हम राज कर लेंगे। लेकिन आज के अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस के सदस्य गंभीरता से चर्चा नहीं कर पाए और बीच में ही सदन को छोड़कर चले गए। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस एक बार फिर अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए, ताकि कांग्रेस के सदस्य हमारी बात सुन सकें अन्यथा उनके विधायक अपनी बात बोलकर सदन से बाहर चले जाते हैं।

शायराना अंदाज में सीएम ने विपक्ष पर कसा तंज

सीएम मनोहर लाल ने कांग्रेस विधायकों पर तंज कसते हुए शायराना अंदाज में कहा कि महफिल में चल रही थी मेरे कत्ल की तैयारी, चर्चा करते करते बोले लंबी उम्र हो तुम्हारी। कांग्रेस की संस्कृति में विश्वास की परंपरा ही नहीं है। देशहित में जब भी कभी किसी सुधार की बात की गई तो कांग्रेस को कभी विश्वास ही नहीं हुआ। उदाहरण के तौर पर जब जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाने की बात थी, तब भी कांग्रेस ने अविश्वास जताया था कि ये हो ही नहीं सकता। तीन तलाक के मामले में भी कांग्रेस ने अविश्वास व्यक्त किया। इतना ही नहीं, राम मंदिर पर भी इन्होंने कहा था कि मंदिर बन नहीं सकता। जिस काम में भी कांग्रेस ने अविश्वास जताया, लेकिन जनहित में वो सारे काम हमने किए।

कांग्रेस के शासन में आकाश, जमीन, पाताल तक हुए घोटाले

मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के शासन में आकाश से लेकर जमीन और पाताल तक के घोटाले हुए। इसमें 2जी, 3जी, कोयला और जमीन के घोटाले शामिल हैं। वर्तमान राज्य सरकार में बिना पर्ची-खर्ची के नौकरी मिल रही है। जनता मंल डंका बज रहा है कि अब गरीब का बच्चा नौकरी लग सकता है। सरकारी भर्तियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा 2005 से 2014 तक 3593 पदों पर भर्ती की गई थी, जो हर वर्ष औसतन 360 बनती है। जबकि वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान 31 जनवरी 2024 तक 6808 पदों पर भर्ती की गई, जो औसतन प्रति वर्ष 680 है। कांग्रेस के 10 साल के शासन में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से 88 हजार नौकरियां दी गई, जबकि हमने 1 लाख 30 हजार युवाओं को योग्यता के आधार पर नौकरी दी है। लगभग 30 हजार पदों के लिए परिणाम घोषित होने वाले हैं।

गरीब के हालात की कांग्रेस ने कभी चिंता नहीं की, केवल गरीबी हटाओ का नारा दिया

मनोहर लाल ने कहा कि गरीब के हालात की कांग्रेस ने कभी चिंता नहीं की, केवल गरीबी हटाओ का नारा दिया। एमरजेंसी के दौरान जब उत्पीड़न हुआ, तो देश में आंदोलन चला और 1977 में जनता को अपनी वोट की ताकत समझ आई। वोट की ताकत से कांग्रेस सरकार को लोगों ने नकारा। उन्होंने शायराना अंदाज में कहा कि मुझे खुशी है कि तुम्हें एतबार नहीं मुझ पर, हमें तो अपनी आवाम के हर शख्स का ख्याल है, तुम्हें तो अपने परिवार से मतलब है बस, मगर मुझे हर गरीब का ख्याल है।

मुख्यमंत्री ने की दो बड़ी घोषणाएं, तिगांव बनेगा नया उपमंडल

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा में तिगांव को उपमंडल बनाने की घोषणा करते हुए कहा कि इसकी औपचारिकता शीघ्र पूरी कर दी जाएंगी। इसी प्रकार शहरों के साथ लगते क्षेत्रों में वर्षों से मकान बनाकर रह रहे लोगों को मालिकाना हक देने के लिए एक सप्ताह के अंदर-अंदर नीति लाने की घोषणा की। इसी नीति के तहत 20 वर्षों से आवासीय प्लाटों में मकान बनाकर रह रहे लोगों को मालिकाना हक मिल सकेगा। शहरों, नगर पालिकाओं, नगर परिषदों व नगर निगमों की संपत्तियों को 20 वर्षों से अधिक समय से लीज पर लेकर दुकान व अन्य व्यवसायिक संस्थान चलाने वाले लोगों को मुख्यमंत्री की पहल पर पहले ही मालिकाना दिया जा चुका है।

मामन खान के विरुद्ध यूएपीए लगाए जाने का विपक्ष ने किया जमकर विरोध

विधानसभा के दौरान कांग्रेस विधायक मामन खान के खिलाफ यूएपीए की धारा के तहत मामला दर्ज करने पर विपक्ष ने विधानसभा में जमकर हंगामा किया। कांग्रेस ही नहीं बल्कि इनेलो ने भी विधायक के विरुद्ध लगाए गए आरोपों पर आपत्ति जाहिर की। नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, विधायक बीबी बतरा, किरण चौधरी, शमशेर सिंह गोगी, जगबीर मलिक और अभय चौटाला ने इसके पीछे सरकार की मंशा को लेकर सवाल खड़े किए। विधायकों ने कहा कि मामन खान पर लगे आरोपों की जांच पहले से जारी है। उन आरोपों का अवलोकन करते हुए बाकायदा उन्हें कोर्ट ने जमानत दी है। अब तक सरकार उनके खिलाफ कोई पुख्ता सबूत पेश नहीं कर पाई। बावजूद इसके विधायक के विरुद्ध नया केस दर्ज किया, जिससे स्पष्ट है कि सरकार विधायक को ऐसे मुकदमे में फंसाना चाहती है, जिसमें वो जमानत हासिल ना कर सके।

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