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हरियाणा में बीजेपी के हारे हुए उम्मीदवार पार्टी के बागी नेताओं के नाम बताने से बचते हुए नजर आ रहे है। ये ही वजह है कि सीएम सैनी और केंद्रीय नेताओं के लिस्ट मांगने पर भी अभी तक तैयार नहीं की गई है और न ही बागियों के नाम खोले जा रहे है।

हरियाणा में विधानसभा चुनाव हारने वाले उम्मीदवारों से बीजेपी ने बागियों की लिस्ट और उनके खिलाफ सबूत मांगे है। खबर है कि कुछ कैंडिडेट्स बागियों का नाम लेने से बचते हुए नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि वो तभी नाम देंगे जब बागियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लोकसभा चुनाव में भी ऐसे नाम मांगे गए थे, लेकिन उनके खिलाफ अब तक कोई ठोस एक्शन नहीं लिया गया है।

दरअसल, बीजेपी ने लगातार तीसरी बार विधानसभा चुनाव जीतकर प्रदेश की सत्ता हासिल की है। लेकिन, इसके बाद भी 19 नवंबर को पंचकूला में चुनाव में हारे उम्मीदवारों के साथ मंथन किया था और उनसे पूछा गया कि आखिरी क्या वजह रही कि उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। इस पर चुनाव हारने वाले उम्मीदवारों ने कहा था कि वो बागियों की वजह से चुनाव हारे है। ऐसे में पार्टी हाईकमान की ओर से उन सभी बागी नेताओं के नाम सबूत और उनके खिलाफ सबूत मांगे थे। जिसे देने अब सभी नेता बचते हुए नजर आ रहे हैं। 

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खबरों की मानें, तो बैठक के दौरान हिसार विधानसभा सीट से चुनाव हारे डॉ. कमल गुप्ता काफी नाराज नजर आए थे। उन्होंने नेताओं को बताया था कि उनके चुनाव में काम करने वाले पार्टी के कई नेताओं ने निर्दलीय उम्मीदवार का साथ दिया। वहीं कई नेता तो ऐसे थे, जो केवल दिखावे के तौर पर उनके साथ नजर आ रहे थे, लेकिन अंदरखाने दूसरे उम्मीदवारों को जीताने में लगे हुए थे। अगर नेताओं को ऐसा करना तो फिर उन्हें टिकट क्यों दिया गया।

वहीं पूर्व स्पीकर और पंचकूला विधानसभा सीट से चुनाव हारने वाले ज्ञानचंद गुप्ता ने अपनी हार का ठीकरा अधिकारियों पर फोड़ा था। इसके अलावा कई हारे हुए उम्मीदवारों ने कहा था कि पार्टी के नेताओं ने उनका साथ नहीं दिया। जिसके चलते वो चुनाव हार गए।  

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