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हरियाणा को पहली बार राज्य गीत मिल गया है। विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता की ओर से गठित राज्य गीत चयन समिति की रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत करने के बाद बुधवार को यह सदन में सुनाया गया।

Haryana Assembly: हरियाणा को पहली बार राज्य गीत मिल गया है। विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता की ओर से गठित राज्य गीत चयन समिति की रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत करने के बाद बुधवार को यह सदन में सुनाया गया। दो गायकों द्वारा दी गई प्रस्तुतियों को सदन में रखा गया। विधान सभा के शीतकालीन सत्र 2023 के दौरान 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ओर से सदन में 3 गीतों के प्रारूप पेश किए गए थे। इन तीनों गीतों पर व्यापक चर्चा के बाद सदन में गीत के चयन के लिए कमेटी बनाने पर सहमति बनी थी।

दो माह में कमेटी ने फाइनल किया राज्य गीत

सरकार की तरफ से चयनित कमेटी ने 2 माह में 5 बैठकें कर जय जय जय हरियाणा पावन धरती वेदों की, जहां हुआ हरि का आणा, गीत का चयन किया। पानीपत निवासी डॉ. बालकृष्ण शर्मा द्वारा लिखे गए इस गीत में कमेटी ने व्यापक संशोधन किए हैं। कमेटी ने सदन में सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों पर भी गहन विचार-विमर्श किया। समिति के सभापति लक्ष्मण सिंह यादव ने कहा कि समिति ने गीत की विषय वस्तु को हरियाणा के गौरवशाली इतिहास, सांस्कृतिक विरासत, भौगोलिक संरचना और प्रदेश की विकास यात्रा के संदर्भ में परखने का प्रयास किया। इसके लिए उन्होंने सभी सदस्यों व मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक मनदीप सिंह बराड़, अतिरिक्त निदेशक विवेक कालिया, हरियाणा विधान सभा  के मीडिया एवं संचार अधिकारी दिनेश कुमार, कला एवं सांस्कृतिक अधिकारी डॉ. दीपिका रानी के प्रयासों की सराहना की।

गीत में हरियाणा के इतिहास को संजोया गया 

हरियाणा के लिए चयनित राज्य गीत में प्रदेश के इतिहास को संजोय वैदिक काल की भाषा संस्कृत, हिन्दी और वर्तमान बोली हरियाणवी के शब्दों का संतुलित, तर्कसंगत व समन्वयपूर्ण प्रयोग किया गया है। संस्कृत भाषा में यहां के आतिथ्य और सेवा भाव जैसी विशेषताओं को लिपिबद्ध किया गया है। समिति ने राज्यगीत में प्रदेश की उत्सवधर्मी संस्कृति और हरियाणवियों की सादगी जैसी मूल विशेषताओं को इंगित करने का प्रयास किया है। इसमें प्रदेशवासियों के आपसी भाईचारे, शिक्षा और व्यापार का भी विशेष वर्णन किया गया है। गीत में जहां हरियाणवी लोक जीवन को काव्यबद्ध किया गया, वहीं इसमें प्रदेश का गौरव बढ़ाते किसानों, वीर-सैनिकों और खिलाड़ियों के योगदान को विशेष रूप से रेखांकित किया गया है।

इस प्रकार है हरियाणा के राज्य गीत के लिए चुना गया गीत 

जय जय जय हरियाणा, जय जय जय हरियाणा पावन धरती वेदों की, जहां हुआ हरि का आणा ।। जय जय जय हरियाणा..... 2 1. गीता ज्ञान धरोहर इसकी, महाभारत इतिहास। मुकुट शिवालिक आधार अरावली, यमुना बहती पास। मौज मनावैं, कातक न्हावैं, पूरी मन की आस। सरस्वती के अमृत रस का, यहीं सदा है वास। सादा जीवन सादा बाणा, दूध दही का खाणा। जय जय जय हरियाणा .....2

2. छैल छबीले मर्द निराले, सुन्दर स्याणी नार। होली, दिवाली, ईद, गुरपुरब, मनते तीज त्योहार। भाईचारा जग से न्यारा बढ़े प्यार में प्यार। दिन दूणा अर रात चौगुणा, शिक्षा और व्यापार। बजते डेरू, ढोल, नगाड़े, सांग, रागणी गाणा। जय जय जय हरियाणा .....2

3. उपजाते हैं फसल सुनहरी, खेतों बीच किसान। खेल खिलाड़ी मैडल लाकर करें देश का मान। सीमाओं पर हरदम चौकस यहां के वीर जवान। छोटा सा प्रदेश, देश की अजब निराली शान। अतिथि देवो भवः यहां सेवा धर्म निभाणा। जय जय जय हरियाणा .....2 जय जय जय हरियाणा .....1

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