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Haryana Government Schools: हरियाणा में सभी सरकारी स्कूलों की जांच करने के लिए 4 स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। हाईकोर्ट की तरफ से भी स्कूल वेरिफिकेशन से जुड़ा जवाब मांगा गया है।

Haryana Government Schools: हरियाणा में सभी सरकारी स्कूलों की जांच की जाएगी। हाईकोर्ट द्वारा जवाब मांग जाने के बाद शिक्षा विभाग की ओर से यह फैसला लिया गया है। स्कूलों की जांच करने के लिए 4 स्तरीय कमेटी भी बनाई गई है। ताकि स्कूलों में उपलब्ध सुविधाएं, शिक्षक और बच्चों से जुड़ी जानकारी के बारे में पता लगाया जा सके।

कमटी को अपनी रिपोर्ट 7 फरवरी से 5 मार्च तक निदेशालय को सौंपनी पड़ेगी। हरियाणा के राज्य परियोजना निदेशक ने जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, डाइट प्रिंसिपल, जिला परियोजना समन्वयक, सभी ब्लॉकों के बीईओ और बीआरसी तथा प्रदेश भर के सभी कलस्टर और स्कूल के मुखिया को लेटर लिखकर यह जानकारी दी है।

हाईकोर्ट में स्कूलों से जुड़ा क्या मामला चल रहा है ?

हरियाणा के राज्य परियोजना निदेशक की ओर से जारी लेटर में कहा गया है कि, प्रदेश के सभी स्कूल हर साल यू-डायस पोर्टल पर स्कूल भवन, भौतिक सुविधाएं, शिक्षक और बच्चों से जुड़ी जानकारी भरते हैं। सभी स्कूलों द्वारा वर्ष 2024-25 से जुड़ी बच्चों की जानकारी को छोड़कर बाकी सभी जानकारी यू-डायस पोर्टल पर भर दी गई है, लेकिन अब स्कूल भवन व अन्य सुविधाओं की भी जांच होगी।

कहा जा रहा है कि स्कूल भवन व सुविधाओं से जुड़ा एक मामला हाईकोर्ट में चल रहा है। कोर्ट ने प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों से बील्डिंग और दूसरी सुविधाओं को लेकर उनकी क्या मांगे हैं, इसे लेकर जवाब मांगा है। स्कूलों को यू-डायस 2024-25 में भरी गई सभी जानकारियों के आधार पर कोर्ट को जवाब देना होगा। कोर्ट का कहना है कि स्कूल के डेटा में किसी तरह की कोई पाई जाएगी तो इसके लिए स्कूल जिम्मेदार होगा। जिला, ब्लॉक स्तर पर डेटा के जांच के लिए कमेटियां बनाई गई हैं।

स्कूल मुखिया के काम

  •  U-DISE पोर्टल पर स्कूल द्वारा भरे क्लास रूम, दूसरे कक्ष और भौतिक सुविधाओं का हर स्कूल का मुखिया वेरिफिकेशन करेगा।
  • सुविधाओं को निदेशालय की ओर से स्कूल डेटा तैयार किया जाएगा।  सभी स्कूलों डेटा वेरिफिकेशन फॉर्मेट (SDVF) भेजा जाएगा।  
  •  सभी स्कूल SDVF में भरी गई सूचनाओं का प्रिंट लेकर स्कूल में उपलब्धता को चेक करेंगे।
  • अगर सूचनाओं में कोई कमी या गलती है तो पहले SDVF पर सूचना भरेंगे। उसके उपरान्त U-DISE + पोर्टल पर भरी सूचनाओं को अपडेट करेंगे। इस काम के लिए  17 से 20 फरवरी तक का सय दिया गया है।इसके लिए 17 से 20 फरवरी तक का समय दिया गया है। 

क्लस्टर स्तर का काम 

  • क्लस्टर स्तर पर क्लस्टर हेड, ABRC व क्लस्टर के अन्य कोई स्कूल मुखिया (वरिष्ठ माध्यमिक/हाई स्कूल /ESHM) सहित तीन सदस्य क्लस्टर वेरिफिकेशन कमेटी (CVC) का गठन किया जाएगा। कमेटी के सभी सदस्य पूरे कलस्टर के सभी स्कूलों को आपस में बांटकर स्कूल आंकड़ा जांच प्रपत्र में सभी सूचनाओं की स्कूल में जाकर फिर से जांच करेंगे।
  • CVC कमेटी सुनिश्चित करेगी कि पहले से भरी सूचना में यदि कोई बदलाव किया गया है तो U-DISE पोर्टल पर अपडेट किया गया है या नहीं।
  •  SDVF में पहले से भरी सभी सूचनाएं जांच में ठीक मिलें तो स्कूल द्वारा यू-डायस पोर्टल पर बदलाव की जरूरत नहीं है।
  • CVC जांच कमेटी खंड शिक्षा अधिकारी को सूचना लिखित देंगे। इसके लिए 21 से 24 फरवरी तक का समय तय किया गया है।

खंड स्तर का काम

  • खंड स्तर पर सभी स्कूलों का आंकड़ा जांच प्रपत्र व दिशा-निर्देश पत्र को प्रिंट देंगे।
  • बीईओ खंड स्तर पर 3 सदस्यों BEO, BRC एवं लोकल स्कूल प्रिंसिपल की डाटा वेरिफिकेशन कमेटी व एमआईएस कोऑर्डिनेटर व 2 आईओएलएम की टेक्निकल कमेटी बनाएंगे।
  • टेक्निकल कमेटी के सदस्य कलस्टरों से प्राप्त सूचना प्रपत्रों में से 10 प्रतिशत स्कूलों के प्रपत्र जिन्होंने सूचना को अपडेट की है, उनकी यू-डाइस पोर्टल पर जांच करेंगे कि सूचना अपडेट की है या नहीं।
  • जांच में ठीक पाए जाने पर खंड शिक्षा अधिकारी आंकड़े 28 फरवरी को शाम 5 बजे तक वेरीफाई करेंगे।
  • 1 मार्च को निदेशालय द्वारा यू-डायस पोर्टल की रिर्पोट को अपनी रिर्पोट से मिलान करके रिर्पोट पर सभी खण्डों भेजी जाएगी। इस काम के लिए  26 फरवरी से 28 फरवरी तक का समय तय किया गया है।

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जिला स्तर का काम

  • जिला अधिकारी यू-डायस आंकड़े की जांच कार्य के जिला नोडल अधिकारी होंगे। DEO के नेतृत्व में तीन सदस्य (DEEO, डाइट प्रिंसिपल व DPC) डाटा वेरिफिकेशन कमेटी (DVC) का गठन किया जाए।
  • सभी सदस्य खंडों को बांट लें और आवंटित खंड के ब्लॉक नोडल ऑफिसर का कार्य करेंगे।
  • ब्लॉक नोडल ऑफिसर आवंटित खंड के कार्यों का मूल्यांकन करेंगे।
  • ब्लॉक नोडल ऑफिसर मौके पर जाकर कार्य की प्रगति का मूल्यांकन करेंगे। इस काम के लिए 3 मार्च से 5 मार्च तक का समय तय किया गया है। 

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