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हरियाणा पुलिस तथा केंद्रीय गृह मंत्रालय का इंडियन साइबर क्राइम कोर्डिनेशन सेंटर (आई4सी) एक प्लैटफॉर्म पर काम करने जा रहे है ताकि साइबर फ्रॉड संबंधी शिकायतों का तत्परता से समाधान किया जा सके।

Haryana : साइबर अपराधियों की कमर तोड़ने के लिए अब हरियाणा पुलिस तथा केंद्रीय गृह मंत्रालय का इंडियन साइबर क्राइम कोर्डिनेशन सेंटर (आई4सी) एक प्लैटफॉर्म पर काम करने जा रहे है ताकि साइबर फ्रॉड संबंधी शिकायतों का तत्परता से समाधान किया जा सके। फ्रॉड की गई राशि को गोल्डन आवर ( शुरुआती एक या दो घंटे) में फ्रीज किया जा सके और शिकायतकर्ता को फ्रॉड की गई राशि वापस दिलवाई जा सके। इसे लेकर हरियाणा पुलिस द्वारा साइबर विशेषज्ञों की टीम तैयार की गई है जिन्हें साइबर अपराध रोकने को लेकर उच्च स्तरीय प्रशिक्षण दिया गया है।

साइबर सुरक्षा तंत्र को पहले की अपेक्षा और किया गया सुदृढ़

पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने बताया कि साइबर सुरक्षा तंत्र को पहले की अपेक्षा और सुदृढ़ करने के लिए हरियाणा पुलिस द्वारा केन्द्रीय गृह मंत्रालय के साथ मिलकर एक सुनियोजित कार्ययोजना तैयार की गई है। साइबर विशेषज्ञो की यह टीम अब केन्द्रीय गृह मंत्रालय के दिल्ली स्थित आई4सी में उनके साथ मिलकर कार्य करेगी ताकि हरियाणा प्रदेश में साइबर अपराध संबंधी घटनाओं में कमी लाई जा सके। इस कमांड सेंटर में देशभर के अनेक सरकारी तथा निजी बैंको जैसे एसबीआई, पीएनबी, बैंक ऑफ़ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया, एक्सिस बैंक, केनरा बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक सहित अन्य बैंकों के नोडल अधिकारी भी कार्यरत है, जो साइबर फ्रॉड रोकने में सरकार की मदद करते हैं। 

हरियाणा में होने वाले साइबर हमलों में चिंताजनक देखी गई वृद्धि

शत्रुजीत कपूर ने बताया कि हाल ही में पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मेवात और उनके आसपास के क्षेत्रों से हरियाणा में होने वाले साइबर हमलों में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है।  ऐसे में हमारा प्रयास है कि साइबर फ्रॉड से आमजन को होने वाले आर्थिक नुकसान को रोका जाए। हालांकि धोखाधड़ी से लोगों के पैसों को तुरंत ब्लॉक करने के लिए पंचकूला हरियाणा की 112 बिल्डिंग में 30 नए वर्क स्टेशन भी स्थापित किए गए हैं, जहां पर 70 साइबर एक्सपर्ट्स साइबर अपराध संबंधी मामलों पर तत्परता से कार्यवाही करते हैं।

फोन पर आने वाले संदिग्ध लिंक को ना करें ओपन

उन्होंने बताया कि अपने मोबाइल फोन पर आने वाले किसी भी संदिग्ध लिंक को ओपन ना करें। लोग अपनी ऑनलाइन आदतों में सुधार करें और अपने पासवर्ड को मजबूत तथा अद्वितीय बनाएं।  इसके साथ ही अपने खातों में दो-कारक प्रमाणीकरण सक्षम करें। केवल विश्वसनीय वेबसाइट पर अपने व्यक्तिगत डेटा को प्रदान करें। सार्वजनिक वाईफाई का उपयोग करते समय सावधान रहें। इन नेटवर्कों को हैकर्स द्वारा निशाना बनाया जा सकता है। अपने कंप्यूटर को नियमित रूप से एंटीवायरस और फायरवॉल सॉफ्टवेयर से स्कैन करें। लोग टेलीग्राम इन्वेस्टमेंट एप पर टास्क बेस्ड गतिविधियों में शामिल न हो और इस पर किसी प्रकार की इन्वेस्टमेंट ना करें। लोग अपने बैंक खाता संबंधी निजी जानकारी भी किसी के साथ साझा ना करें। व्यक्ति की जरा सी लापरवाही उन्हें साइबर फ्रॉड का शिकार बना  सकती है।

 

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