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हरियाणा और राजस्थान के बीच रोडवेज बसों के चालान को लेकर चल रहा विवाद लगभग शांत हो गया है, लेकिन विशेष रूप से हरियाणा पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। पढ़िये यह एक्सप्लेनर...

हरियाणा पुलिस की एक महिला जवान को 'न्याय' दिलाने के लिए राजस्थान रोडवेज की बसों का चालान काटना शुरू कर दिया गया। राजस्थान की 90 से ज्यादा सरकारी बसों का चालान कर दिया गया। इसके जवाब में राजस्थान पुलिस ने हरियाणा रोडवेज की 90 से ज्यादा बसों का चालान काटकर पलटवार कर दिया। दोनों राज्यों की पुलिस के बीच इस प्रतिस्पर्धा को देखकर हर कोई सकते में था। विवाद बढ़ा तो हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज ने स्पष्ट किया कि राजस्थान के अधिकारियों से बात करके मामला खत्म कर दिया गया है।

अब सवाल उठता है कि महिला जवान को न्याय दिलाने के लिए राजस्थान रोडवेज पर दबाव डालने वाली हरियाणा पुलिस आम लोगों को न्याय दिलाने में कितने नंबर पर है। लेकिन, सबसे पहले बताते हैं कि इस विवाद की शुरुआत हरियाणा पुलिस ने नहीं बल्कि दिल्ली पुलिस ने की थी।

हरियाणा राजस्थान के बीच विवाद कैसे शुरू हुआ

दरअसल, हरियाणा की एक महिला पुलिसकर्मी ने राजस्थान रोडवेज बस में टिकट कटवाने से मना कर दिया था। टिकट की कीमत महज 50 रुपये थी। बावजूद इसके टिकट नहीं कटवाया। इसके बाद संबंधित बस परिचालक ने इस बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इसके बाद एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी राजस्थान की बस का चालान काटते दिखाई दिए। इस वीडियो में ट्रैफिक कर्मी फोन पर बातचीत करते सुनाई दिए कि सबक सिखा दिया है... जितना ज्यादा चालान बनता था, काट दिया।

यह वीडियो वायरल होने के बाद सूचनाएं सामने आने लगी कि राजस्थान की बसों के न केवल दिल्ली में बल्कि हरियाणा में भी चालान काटे जा रहे हैं। जब यह जानकारी राजस्थान रोडवेज के आला अधिकारियों के पास पहुंची तो चालक और परिचालकों को वर्दी पहनने, निर्धारित स्टैंड पर बस रोकने, अधिक सवारी न बैठाने समेत सभी ट्रैफिक नियमों का पालन करने के निर्देश दिए गए। पहले दिन राजस्थान रोडवेज के लिए बेहद भारी साबित हुआ, लेकिन अगले ही दिन हरियाणा पुलिस पर भी पलटवार हो गया।

राजस्थान पुलिस ने हरियाणा रोडवेज की 90 से ज्यादा बसों का चालान काट दिया। यही नहीं, किलोमीटर बेस पर चलने वाली बसों को भी जब्त किया गया। इससे हरियाणा रोडवेज में भी हड़कंप मच गया, जिसके बाद हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज के हस्तक्षेप के बाद बस चालान विवाद का निपटारा जा सका।

विवाद के लिए हरियाणा पुलिस जिम्मेदार?

सोशल मीडिया पर ज्यादातर यूजर्स हरियाणा पुलिस को इस विवाद के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। यूजर्स का कहना है कि अगर महिला पुलिसकर्मी के साथ अन्याय हुआ है, तो केवल अन्याय करने वाले परिचालक के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन, यहां तो पूरे राज्य को ही दबाव में डालने की कोशिश की गई। उधर, कई यूजर्स महिला पुलिसकर्मी के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं।

न्याय दिलाने में हरियाणा पुलिस आगे?

अब बात आती है कि अपनी महिला पुलिसकर्मी को न्याय दिलाने के लिए ऐसी अनोखी लड़ाई लड़ने वाली हरियाणा पुलिस आम लोगों को न्याय दिलाने में कितने नंबर पर है। इंडिया जस्टिस रिपोर्ट के मुताबिक, तेलंगाना पुलिस लोगों को न्याय दिलाने में पहले नंबर पर है। हरियाणा पुलिस की बात करें तो 10 में से 5.19 अंक के साथ 12वें स्थान पर है, जबकि राजस्थान 4.38 अंक के साथ 14वें नंबर है। हरियाणा पुलिस संतोषजनक श्रेणी में है, जबकि राजस्थान पुलिस को खराब श्रेणी में रखा गया है। अब आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं कि इस विवाद के लिए कौन सी पुलिस अधिक जिम्मेदार है। नीचे देखिये पूरी लिस्ट...

Haryana Police
हरियाणा पुलिस 12वें स्थान पर
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