नरेन्द्र वत्स, Rewari: प्रदेश में सीएम परिवर्तन के साथ एक बार फिर कोसली हलके के लोगों की सरकार में भागीदारी की उम्मीदें जिंदा हो गई हैं। विधानसभा चुनावों में ज्यादा समय नहीं बचा है, परंतु पार्टी के पास लोकसभा चुनावों में रोहतक का किला एक बार फिर फतह करने के लिए कोसली पर ध्यान देना समय की आवश्यकता है। इस हलके को अगर प्रदेश सरकार में भागीदारी मिलती है, तो लोकसभा चुनावों में भाजपा को इसका बड़ा फायदा हो सकता है।
रोहतक लोकसभा में एकमात्र अहीर बाहुल्य हलका
जाट बाहुल्य रोहतक लोकसभा क्षेत्र का अकेला अहीर बाहुल्य हलका कोसली है। इस हलके के मतदाताओं ने गत लोकसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी दीपेंद्र हुड्डा को उस समय हार के मुंह में धकेल दिया, जब वह रोहतक के अधिकांश हलकों में जीत दर्ज कर चुके थे। अकेले कोसली हलके में 70 हजार से अधिक मतों की लीड ने डॉ. अरविंद शर्मा को आसानी से संसद पहुंचा दिया। इससे पूर्व वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में भी कोसली से भाजपा को अच्छा साथ मिला था, लेकिन ओपी धनखड़ जीत हासिल करने से चूक गए थे। लोकसभा चुनावों के बाद विधानसभा चुनावों में बिक्रम ठेकेदार को कोसली की जनता ने विधायक बनाया, तो प्रदेश सरकार में उन्हें मंत्री पद मिला। इससे कोसली हलके के लोगों को काफी राहत मिली थी। कुछ समय बाद ही बिक्रम ठेकेदार को कुर्सी गंवानी पड़ी थी।
विश्वास हासिल करने के लिए सही समय
लोकसभा चुनाव करीब आ चुके हैं। मंत्रिमंडल में फिलहाल अहीरवाल से दूसरे मंत्री ओपी यादव को जगह नहीं मिली है। जेजेपी का कोटा गठबंधन के साथ खत्म हो चुका है। ऐसे में अगर लक्ष्मण सिंह यादव को बचे कुछ माह के लिए भी मंत्री पद दिया जाता है, तो भाजपा को लोकसभा चुनावों में कोसली हलके का भरपूर साथ मिल सकता है। लक्ष्मण की मंत्री पर ताजपोशी इस हलके में एक बार फिर भाजपा का ग्राफ बढ़ाने का काम कर सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि लोकसभा चुनावों को देखते हुए प्रदेश में जिस तरह से सीएम परिवर्तन किया गया है, उसी तर्ज पर मंत्री पद से वंचित कुछ विधायकों को इस बार मौका मिल सकता है।