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Haryana election History: हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर महिला वोटर्स में खासा उत्साह देखा जा रहा है, लेकिन चुनाव लड़ने वाली महिलाओं की हमेशा से अनदेखी हुई है। यहां पढ़िये पूरा लेखा जोखा...

Haryana Election History: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए मतदान पूरा होने के बाद एग्जिट पोल के नतीजे भी सामने आ चुके हैं। ज्यादातर एग्जिट पोल ने कांग्रेस की सरकार बनने की संभावना जताई है। अगर ऐसा होता है तो, कांग्रेस के पास 1966 से अब तक का इतिहास बदलने का मौका होगा। अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कौन सा इतिहास है, जिसे बदलना जरूरी है। दरअसल, हम हरियाणा विधानसभा चुनाव में महिलाओं की सहभागिता के बारे में बात कर रहे हैं। 

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों पर कुल 1031 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इन 1031 प्रत्याशियों में से 51 महिला प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। प्रदेश की राजनीति की बात करें तो महिलाओं को न तो चुनाव में पर्याप्त अवसर मिले और न ही जनता से समर्थन मिला। नतीजा यह हुआ कि हरियाणा के जन्म से लेकर अब तक महज 87 महिलाएं ही विधायक बन सकी।

हरियाणा को अभी तक एक बार भी महिला सीएम नहीं मिली है। इस चुनाव में कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने सीएम बनने की इच्छा जताई है। ऐसे में इस चुनाव का नतीजा 8 अक्टूबर को आएगा। अगर एग्जिट पोल के दावों के अनुरूप रिजलट आया तो कांग्रेस के पास बेहतर मौका होगा कि कुमारी शैलजा को सीएम बनाकर 1966 से अब तक का इतिहास बदल दे। 

किस दल ने कितनी महिला प्रत्याशियों को चुनाव में उतारा
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कुल 51 महिलाएं बतौर प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। कांग्रेस ने 12, बीजेपी ने 11, इनेलो ने 11, आम आदमी पार्टी ने 10 और जेजेपी-एएसपी गठबंधन ने 8 महिला प्रत्याशियों को उतारा है।

साल दर साल कम हो रही महिला प्रत्याशियों की संख्या 
हरियाणा में विधानसभा चुनाव लड़ने वाली महिलाओं की संख्या लगातार कम होती जा रही है। साल 2019 के विधानसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालें तो निर्दलीय उम्मीदवारों समेत 104 महिला प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा था। लेकिन इनमें से महज 9 प्रत्याशियों को जीत मिली थी। इसी प्रकार 2014 के विधानसभा चुनाव को देखें तो कुल 116 महिला उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा और 13 महिला प्रत्याशी ही चुनाव जीत सकी थी।

क्या इस बार बदलेगी तस्वीर
कांग्रेस ने यूपी चुनाव में नारा दिया था 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं', लेकिन कांग्रेस को इस नारे का जरा भी फायदा नहीं मिला। हरियाणा में भी यही स्थिति है। हरियाणाा बनने से लेकर आज तक कोई भी महिला सीएम नहीं बन सकी है। चूंकि इस विधानसभा चुनाव में 51 महिला प्रत्याशी हैं, लिहाजा 8 अक्टूबर को आने वाले चुनाव में देखना होगा कि महिला प्रत्याशियों को जनता का कितना समर्थन मिला है।

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हरियाणा चुनाव को लेकर कुछ महिला प्रत्याशियों का ब्यौरा

  • केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव अटेली से चुनाव लड़ रही हैं
  • पूर्व सीएम बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी भाजपा से तोषाम से चुनाव लड़ रही हैं
  • कांग्रेस से विनेश फोगाट जुलाना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं।
  • जुलाना सीट से फोगाट के सामने आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी WWE रेसलर कविता दलाल सामने हैं।
  • सावित्री जिंदल ने बीजेपी छोड़कर हिसार से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ रही हैं।
  • भूपेंद्र हुड्डा के करीबी निर्मल सिंह की बेटी चित्रा सरवरा अंबाला कैंट से निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ रही है।
  • आप ने नूंह सीट से राबिया किदवई को चुनाव मैदान में उतारा है। वे हरियाणा के राज्यपाल रहे अखलाक उर रहमान किदवई की पोती हैं।
  • बादशाहपुर विधानसभा सीट से कुमुदनी राकेश दौलताबाद बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। उनके पति की इसी साल हार्ट अटैक से मौत हो गई थी।
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