Punjab Haryana High Court: हरियाणा कैबिनेट में 14 मंत्रियों को शामिल करने पर घमासान मचा हुआ है। आज यानी मंगलवार 5 नवंबर को इस मामले में पंजाब एंड हरियाणा कोर्ट में सुनवाई भी हुई है। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने केंद्र और हरियाणा सरकार को नोटिस जारी करते हुए प्रदेश कैबिनेट में 14 मंत्रियों को शामिल करने पर जवाब मांगा है। फिलहाल इस मामले में अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। हाईकोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई की तिथि भी निर्धारित कर दी गई है।
जगमोहन भट्टी ने लगाए ये आरोप
दरअसल हरियाणा कैबिनेट में 14 मंत्रियों को शामिल करने के विरोध में, वकील जगमोहन भट्टी ने 18 अक्टूबर को पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जगमोहन भट्टी का का कहना है कि नियम के मुताबिक देखा जाए तो कैबिनेट मंत्रियों की संख्या 15 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
भट्टी का कहना है कि संविधान के संशोधन के अनुसार मंत्रिमंडल में ज्यादा से ज्यादा 13.5 मंत्री हो सकते हैं, लेकिन हरियाणा में इस समय 14 मंत्री है, ऐसे में यह संविधान के संशोधन का उल्लंघन है। याचिका में प्रदेश की सरकार पर आरोप लगाया गया है कि विधायकों को खुश करने के लिए मंत्रियों की संख्या में बढ़ोतरी की गई है। वकील भट्टी का कहना है कि इन विधायकों को भुगतान भी जनता की कमाई से किया जाता है।
इस दिन होगी अगली सुनवाई
वकील जगमोहन भट्टी ने याचिका दायर करते हुए कोर्ट से अपील की है कि मंत्रिमंडल में एक्स्ट्रा मंत्रियों को हटाया जाए। भट्टी ने कोर्ट से मांग की है कि जब तक याचिका पर अंतिम फैसला नहीं ले लिया जाता, तब तक मंत्रियों को मिलने वाले लाभ पर भी रोक लगनी चाहिए। बता दें कि इस मामले पर अगली सुनवाई 19 दिसंबर को होगी।
सूत्रों के मुताबिक, एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी तेरहवीं व चौदहवीं विधानसभा के दौरान भी 15 प्रतिशत से ज्यादा मंत्री बनाए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था।