Haryana: प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के खत्म होते ही अब गर्मी का सितम बढ़ना शुरू हो गया है। शुक्रवार को तेज धूप के बीच अधिकतम तापमान 46 डिग्री तक पहुंच गया, जबकि न्यूनतम तापमान भी सामान्य से ऊपर रहा। मौसम विभाग के अनुसार झुलसा देने वाली हवाओं की रफ्तार 25 से 35 किलोमीटर प्रति घंटा रह सकती है। सूर्यदेव के तल्ख तेवरों के कारण गर्मी ने लोगों के पसीने छुड़वा दिए हैं। वजह साफ है कि पूरे प्रदेश में तेज लू नमी को सोख रही है। मौसम विभाग ने आने वाले एक सप्ताह में हीट वेव को लेकर ओरेंज अलर्ट जारी किया है।
31 मई तक प्रदेश में गर्मी का देखने को मिलेग प्रकोप
मौसम विभाग के अनुसार आमजन को गर्मी व लू से रूबरू होना पड़ रहा है। दोपहर के समय लोग घरों में रहने को मजबूर है। 31 मई तक प्रदेश में गर्मी का प्रकोप पीक पर रह सकता है। शुक्रवार को सुबह से ही सूर्य देव की तेज किरणों ने लोगों के पसीने छुड़वा दिए। दोपहर तक तो हालात इस कदर बिगड़ गए कि तापमान 46 डिग्री तक जा पहुंचा और लोग घरों में ही दुबक गए। दिन भर गर्म हवाएं चलती रही, जिसकी वजह से लोग घर में रहने के लिए मजबूर हुए। दोपहर के वक्त बाजार तथा सड़कें सुनसान दिखी। ऐसा लगा मानो जैसे शहर में कर्फ्यू लगा हो। बढ़ते तापमान की वजह से ठंडे और पेय पदार्थों की डिमांड बढ़ गई है।
नौतपा से पहले ही आसमान से बरस रही आग
इन दिनों वैसाख मास चल रहा है। वैसाख में ही भीषण गर्मी पड़ रही है। इसके बाद ज्येष्ठ मास लगेगा। हर साल ज्येष्ठ माह में नौ दिन ऐसे होते हैं जिसमें भीषण गर्मी पड़ती है, इन्हें नौतपा के नाम से जाना जाता है। नौतपा शुरू होने में पूरे एक सप्ताह का समय है। ज्योतिषियों के अनुसार, 25 मई से नौतपा शुरू होंगे और 3 जून तक रहेंगे। ज्येष्ठ महीने की शुरुआत में सूर्य देव कृतिका नक्षत्र से निकलकर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं। इसके साथ ही नौतपा शुरू हो जाता है। नौतपा में सूर्य की किरणे सीधे पड़ने के कारण धरती तपने लगती है, सूर्य आग उगलते प्रतीत होते हैं और जल स्वत: खोलने लगता है। इस नौतपा के दौरान इस बार भीषण गर्मी पड़ने की संभावना है।
वृद्ध एवं कमजोर व्यक्तियों की खास देखभाल करें
बढ़ती गर्मी में वृद्ध एवं कमजोर व्यक्तियों की खास देखभाल करें। तेज गर्मी, खासतौर से जब वे अकेले हों, तो कम से कम दिन में दो बार उनकी जांच करें। ध्यान रहे कि उनके पास फोन हो, यदि वे गर्मी से बैचेनी महसूस कर रहे हों तो उन्हें ठंडक देने का प्रयास करें। उनके शरीर को गीला रखें, उन्हें नहलाएं अथवा उनकी गर्दन तथा बगलों में गीला तौलिया रखें। उनके शरीर को ठंडक देने के साथ-साथ डॉक्टर अथवा एम्बुलेंस को बुलाएं। उन्हें अपने पास हमेशा पानी की बोतल रखने के लिए कहें।