Narnaul: आयुष विभाग ने सरकारी स्कूलों में हर्बल गार्डन स्थापित करने की योजना बनाई गई है। ऐसे स्कूल जहां वृक्ष प्रजातियों सहित औषधीय पौधों की 10-15 प्रजातियों के लिए कुल 500 वर्ग मीटर के यदि अलग-अलग प्लॉट हैं तो वे स्कूल आवेदन कर सकते है। मंजूरी मिलने पर 500 वर्ग मीटर क्षेत्र के लिए प्रति स्कूल 25 हजार रुपए की दर से वित्तीय सहायता दी जाएगी। इस योजना को कामयाब करने के लिए प्रत्येक जिला में एक ईसीओ क्लब कॉर्डिनेटर को दायित्व सौंपा जाएगा।
सरकारी स्कूलों के पास भेजा गया पत्र
माध्यमिक शिक्षा हरियाणा के सहायक निदेशक की ओर से प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों को पत्र भेजा गया है। इसमें आयुष विभाग की ओर से भेजे गए पत्र का भी हवाला देते हुए बताया कि रोग की रोकथाम व स्वास्थ्य संवर्धन में औषधीन पौधों की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह पौधे मानव रोगों को ठीक करने के लिए उपयोगी होते हैं। इन पौधों में उपस्थित फाइटो रसायनिक घटकों द्वारा उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जाती है। औषधीय पौधों के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने 24 नवंबर 2020 को राष्ट्रीय औषधीय पौधे बोर्ड (एनएमपीबी) की स्थापना की है। यह बोर्ड वर्तमान में आयुष मंत्रालय (आयुर्वे, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और चिकित्सा) के एक अनुभाग के रूप में काम कर रहा है। इस संदर्भ में हर्बल गार्डन स्थापित करने के संदर्भ में आयुष विभाग द्वारा शिक्षा विभाग से आवेदन मंगवाएं गए है।
आवेदन करने बारे नियम
स्कूल में वृक्ष प्रजातियों सहित औषधीय पौधों की 10-15 प्रजातियों के लिए कुल 500 वर्ग मीटर के यदि अलग-अलग प्लॉट हैं तो वे स्कूल आवेदन कर सकते है। स्कूल, सिंचाई सहित हर्बल गार्डन के रखरखाव के लिए जिम्मेदार होंगे परंतु विद्यार्थी और अभिभावक-शिक्षक संघ/एनजीओ इत्यादि सक्रिय भागीदारी के साथ स्कूल की छुट्टियों की अवधि के दौरान विशेष व्यवस्था करेंगे। विद्यार्थियों को पौधों को लेबल करने, पानी देने, निराई करने आदि में शामिल किया जाएगा, जिससे उनके द्वारा पोषित प्रजातियों के लाभों और उपयोग के बारे में विद्यार्थियों का ज्ञान बढ़ेगा। वित्तीय सहायत की बात करें तो 500 वर्ग मीटर क्षेत्र के लिए प्रति स्कूल 25 हजार रुपए की दर से वित्तीय सहायता दी जाएगी। -योग्य स्कूल प्रोफार्मा में एसएमपीबी के माध्यम से एनएमपीबी में ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, जहां अनुमोदन से पहले प्रस्ताव की प्रोजेक्ट स्क्रीनिंग कमेटी (पीएससी) द्वारा स्क्रीनिंग की जाएगी।