HSSC Result 2024: हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार कर लिया है। सामाजिक और आर्थिक आधार पर 5 नंबर बोनस अंक वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी, जिसके बाद कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) के ग्रुप-C का रिवाइज्ड रिजल्ट जारी कर दिया गया। बता दें कि यह रिजल्ट बिना बोनस अंकों के जारी हुआ है। हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) ने मंगलवार रात इसे लेकर नोटिस जारी किया। सीईटी एग्जाम 5 से 6 नवंबर 2022 को आयोजित किया गया था। इसके बाद सरकार 23 हजार पदों पर भर्तियां कर चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कही थी ये बात
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएस ओका और जस्टिस राजेश बिंदल की अवकाशकालीन पीठ ने सोमवार, 24 जून को सुनवाई के दौरान कहा था कि यह नीति जनता को आकर्षित करने के लिए लोकलुभावन उपाय है, जो योग्यता को प्राथमिकता देने के सिद्धांत से भटकी हुई है।
दोबारा से विचार करने की जरूरत- अटॉर्नी जनरल
अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमानी ने कोर्ट से कहा कि ग्रुप-डी के पदों पर काम करने वाले कर्मचारी स्थानीय स्तर के हैं। यह लाभ ऐसे लोगों को दिए जाते हैं, जिनके परिवार के पास आय का कोई माध्यम नहीं होता है। क्या ऐसे लोगों को सरकारी नौकरी में अवसर नहीं दिया जाना चाहिए। हाईकोर्ट द्वारा लिखित परीक्षा दोबारा कराने का आदेश दिया जाना सामाजिक-आर्थिक मानदंडों के खिलाफ है। इन पर दोबारा से विचार करने की जरूरत है। जिन्होंने परीक्षा दी है, उन उम्मीदवारों की क्या गलती है।
कोर्ट ने सुनाया फैसला
कोर्ट ने एचएसएससी की याचिका खारिज करते हुए कहा कि जिन अभ्यर्थियों को पहले के रिजल्ट के आधार पर कई पदों पर नियुक्त किया गया है, अगर वे सीईटी की नई मेरिट लिस्ट में आते हैं, तो उन्हें नई चयन प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति होगी। जब तक नए चयन की तैयारी नहीं हो जाती, तब तक वह अपने पदों पर बने रहेंगे।
अगर वह नई चयन प्रक्रिया में चयनित नहीं होते हैं तो उन्हें अपना पद छोड़ना होगा और नियुक्ति समाप्त मानी जाएगी। उन्हें अन्य कोई विशेष अधिकार नहीं होगा और वे उस अवधि के वेतन के अलावा किसी अन्य लाभ के हकदार नहीं माने जाएंगे।
नहीं जाएगी किसी की नौकरी- सीएम
वहीं, सीएम नायब सैनी कह चुके हैं कि जिनकी नियुक्तियां हुई हैं, उनकी नौकरी नहीं जाएगी। राज्य सरकार के पास 2 विकल्प हैं एक तो सरकार पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सकती है और दूसरा- सदन में विधेयक लाया जा सकता है।