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हरियाणा के जींद में हुडा कार्यालय के कर्मी खुद भय के साये में अपनी ड्यूटी बजा रहे हैं। बारिश के मौसम में छत से कब आफत टूट पड़े, इसका कोई भरोसा नहीं। हालात यहां तक खराब हैं कि वहां रखे रिकार्ड को भी दीमक चट कर रही है। सीएम फ्लाइंग ने अपनी रिपोर्ट में कर्मचारियों की समस्या दर्ज कर मुख्यालय भेज दी है।

Jind: आशियाने का सपना पूरा करने वाले जींद के हुडा कार्यालय के कर्मी खुद भय के साये में अपनी ड्यूटी बजा रहे हैं। बारिश के मौसम में छत से कब आफत टूट पड़े, इसका कोई भरोसा नहीं। हालात यहां तक खराब हैं कि वहां रखे रिकार्ड को भी दीमक चट कर रही है। हालातों का खुलासा उस दौरान हुआ, जब शुक्रवार को सीएम फ्लाइंग ने औचक निरीक्षण के लिए हुडा कार्यालय में दस्तक दी। कार्यशैली जांचने के साथ जब कार्यालय की जर्जर इमारत को लेकर कर्मियों ने दुखड़ा सुनाया तो उसे भी सीएम फ्लाइंग ने अपनी रिपोर्ट में दर्ज कर लिया। कर्मियों की समस्या को भी मुख्यालय भेजा गया है।

सीवर-पानी रिकवरी ढीली, शिकायत निपटान भी ढीला

सीएम फ्लाइंग को सूचना मिली थी कि हुडा में लोगों के कामकाज को लटकाया जा रहा है, जिसके आधार पर सीएम फ्लाइंग के सब इंस्पेक्टर बिजेंद्र, सतपाल, एचसी सुमन देवी के नेतृत्व में हुडा कार्यालय में दस्तक दी। 19 में से छह कर्मी छुट्टी पर मिले। सीवर-पानी शाखा के 42 कर्मियों में से आठ छुट्टी पर मिले। सात कार्यालय में तो 28 कर्मी फिल्ड में पाए गए। सीवर पानी बिल की 28 लाख 38 हजार 338 रुपए की रिकवरी बकाया पाई गई। सीएम विंडो की 15 शिकायतों में से 13 शिकायतें ओवर डयू पाई गई। 150 एनओसी के आवेदनों में से 137 का निपटान पाया गया। जबकि 13 आवेदन रिजेक्ट पाए गए। सीएम फ्लाइंग की कार्रवाई के दौरान हुडा के डिप्टी सुपरिडेंट संतलाल, सीवर-पानी शाखा के जेई अनुज शर्मा मौजूद रहे।>

छत से गिर रहे प्लास्टर के टुकड़े, दीवारों में सीलन व दरारें

हुडा कार्यालय की इमारत जर्जर हो चुकी है। छतों से प्लस्तर के टुकड़े टूट कर गिर रहे हैं। बारिश के मौसम में यह खतरा ओर बढ़ गया है। कार्यालय में गैलरी ही नहीं कमरों के भी यही हालात बने हुए हैं। कमरों की छत का प्लस्तर उखड़ रहा है। दीवारों में सीलन के साथ दरारें भी आ चुकी हैं। प्लस्तर का टुकड़ा कब टूट कर किस पर गिर जाए, इसका कोई भरोसा नहीं है। कर्मियों का कहना है कि अब तो हालात ऐसे बने हुए हैं कि अच्छी बारिश हुई तो प्लस्तर के टूकड़े कही पर भी गिर सकते हैं।

1977 में बनी थी इमारत, फाइलों को दीमक कर रही चट

अर्बन एस्टेट में जहां पर हुडा का कार्यालय चल रहा है, वह इमारत जनस्वास्थ्य विभाग ने 1977 में बनाई थी। 1978 में हुडा के अस्तित्व में आने के बाद इस इमारत को कार्यालय के लिए अलॉट कर दिया। जिसका रिकार्ड भी इसी इमारत में रखा गया है। अगर कर्मी रिकार्ड को रैकों में रखते हैं तो इमारत के हालात जर्जर होने के कारण खराब होने का खतरा बना रहता है। अलमारियों में रखा जाता है तो दीमक फाइलों को चट कर जाती है। काफी फाइल नष्ट होने के कागार पर पहुंच गई हैं। सीएम फ्लाइंग के डीएसपी रविंद्र कुमार ने बताया कि हुडा कार्यालय का निरीक्षण किया था, जो खामियां मिली उनकी रिपोर्ट बनाई गई है। कर्मियों की समस्याओं को सुना गया है। इमारत की हालात अच्छी नहीं है, जिसकी रिपोर्ट बना कर मुख्यालय को भेज दी गई है।

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