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दिशा कमेटी की बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल एक्शन मोड में दिखाई दिए। पाइप बिछाने के लिए खोदी गई गलियों व सड़कों को लेकर मुख्यमंत्री जनस्वास्थ्य विभाग अधिकारियों के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए तथा ईआईसी आशिम खन्ना और ईसी राजीव बतिश को कमेटी से बाहर करने के साथ पांच दिन की लीव पर भेज दिया।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वीरवार को दिशा कमेटी की बैठक ली। बैठक में मुख्यमंत्री सख्त नजर आए तथा सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं देने पर जनस्वास्थ्य विभाग के ईआईसी आशिम खन्ना और ईसी राजीव बतिश दिशा कमेटी की बैठक से बाहर करने के साथ पांच दिन की छुट्टी पर भेज दिया। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री वीसी से जिला उपायुक्त व अन्य अधिकारियों से भी जुड़े। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि अधिकारी दिशा कमेटी की बैठक को गंभीरता से लेते हुए जनकल्याण को प्राथमिकता दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना की तर्ज पर जल्द ही ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी बनेगी ग्रामीण आवास योजना का लाभ मिलेगा।/p>

बुनियादी कार्यक्रम के बच्चों को मिलेगी मुफ्त यात्रा मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने बुनियाद  कार्यक्रम  के  तहत  शिक्षा  ग्रहण  कर  रहे  बच्चों  को  भी  मिलेगी बस पास की सुविधा। मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक सचिवों व जिला उपायुक्तों को कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को क्रियावन्यन में किसी  प्रकार की देरी न होने दें। अधिकारी जिला स्तर पर निरंतर निगरानी करें, ताकि जनता को त्वरित सुविधाएं मिल सकें।

यह था मामला  पंचायत मंत्री देवेंद्र  बबली की अध्यक्षता पिछली  बैठक  में  लिए  गए  निर्णयों  की  समीक्षा की। समीक्षा के दौरान जब पाइप लाइन बिछाने के कारण खराब हुई सड़कों और गलियों को ठेकेदारों द्वारा बनाने की ज़िम्मेदारी तय करने का मामला जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के सामने रखा तो संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। जिससे नाखुश  मुख्यमंत्री ने ईआईसी आशिम खन्ना व ईसी राजीव बतिश को तुरंत ही दिशा कमेटी की बैठक से बाहर कियाकरने के साथ 5 दिन की कंपल्सरी लीव पर जाने के आदेश दिए। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ने आगे से सही  अधिकारियों को सड़कों और गलियों को  ठेकेदारों द्वारा बनाया जाना सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए। सांसद की अनुपस्थिति में भी हो बैठक मुख्यमंत्री ने कहा कि दिशा कमेटी की बैठक अवश्य होनी चाहिए। यदि किसी कारणवश  स्थानीय सांसद बैठक के लिए समय नहीं दे पाते हैं, तो उस स्थिति में जिला उपायुक्त को बैठक बुलाने का अधिकार है। ऐसे में सभी बैठक तय समयावधि में होनी चाहिए।

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