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हरियाणा सरकार ने शहीदों की अनुग्रह राशि, स्वंतंत्रा सेनानियों, आपातकाल सत्याग्रहियों की राशि में दो गुणा वृद्धि की है। शहीदों की अनुग्रह राशि अब एक करोड़ होगी, आपातकाल सत्याग्रहियों को 20 व स्वतंत्रता सेनानियों को 40 हजार रुपये पेंशन मिलेगी। 

चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों, हिन्दी आंदोलन-1957 के मातृभाषा सत्याग्रहियों व आपातकाल सत्याग्रहियों मासिक पेंशन में करीब दो गुणा बढ़ोत्तरी की है। बढ़ी हुई पेंशन पहली जुलाई 2024 से लागू होंगी। 25 जुलाई को मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इसकी घोषणा करते हुए लोकतंत्र को पुनः स्थापित करने और संविधान की मर्यादा को बचाने के लिए आपातकाल के दौरान लड़ाई लड़ने वाले सत्याग्रहियों को नमन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपातकाल के दौरान जो जुल्म और ज्यादतियां हुई थी, वे अभी तक भूले नहीं हैं।

2017 में शुरू की थी योजना

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने इन लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान में कई योजनाएं शुरू की हैं। हरियाणा राज्य शुभ्र ज्योत्सना पेंशन योजना दिसम्बर 2017 से शुरू की गई थी। इसके तहत 501 लोकतंत्र सेनानियों व उनकी विधवाओं को मासिक पेंशन दी जा रही है। उन्होंने कहा कि पहली जुलाई, 2024 से उनकी मासिक पेंशन 10,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये कर दी है। इसके अतिरिक्त, हरियाणा रोडवेज की सामान्य बसों में मुफ्त यात्रा तथा वोल्वो बसों में 75 प्रतिशत किराया माफ किया गया है। आयुष्मान भारत योजना के तहत पांच लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त की सुविधा प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिन्दी आंदोलन-1957 के मातृभाषा सत्याग्रहियों को दी जाने वाली मासिक पेंशन को भी बढ़ाकर 20,000 रुपये कर दिया है।

स्वतंत्रता सेनानी व आश्रितों को मिलेंगे 40 हजार

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों व उनके आश्रितों को दी जाने वाली सम्मान पेंशन की राशि भी 25,000 रुपये से बढ़ाकर 40,000 रुपये कर दी है। प्रदेश में कुल 289 स्वतंत्रता सेनानियों व उनके आश्रितों को मासिक पेंशन दी जा रही है।

अनुग्रह राशि को 50 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ की;

प्रदेश के सैनिक एवं अर्धसैनिक कल्याण राज्य मंत्री डॉ अभय सिंह यादव ने बताया कि राज्य सरकार ने ड्यूटी के दौरान प्राण त्यागने वाले प्रदेश के सशस्त्र बलों तथा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कार्मिकों के परिवार के सदस्यों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि 50 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ कर दिया गया है। इन कार्मिकों में सेना, नौसेना और वायुसेना के वे कार्मिक शामिल हैं, जो युद्ध या ऑपरेशन, ऑपरेशनल क्षेत्र, आतंकवाद या उग्रवादी हमलों या सीमा पर झड़पों और संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में सेवा करते हुए अपने वास्तविक आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करते हुए शहीद हुए हैं।

मैंने उठाई थी मांग, अब मेरे मंत्रीकाल में पूरी

डॉ अभय सिंह यादव ने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि जिस मांग को उन्होंने विधानसभा में अपने पिछले कार्यकाल के दौरान विधायक के रूप में उठाया था वही बात उनके विभाग के मंत्री रहते पूरी हो रही है। उन्होंने बताया कि शहीद के परिवार को मिलने वाली राशि 50 लाख रूपये से बढाकर एक करोड़ रूपये करने की मांग पिछले सदन में उठाई थी। उन्होंने बताया कि 24 मार्च, 2016 को या उसके बाद हुए युद्ध, आईईडी विस्फोट और उग्रवादियों या आतकवादियों के खिलाफ कारवाई या सीमा पर झडपों में हताहतों के लिए संशोधित अनुग्रह राशि को 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये किया गया था।

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