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Inspector Recruitment Case: हरियाणा में साल 2008 में हुए इंस्पेक्टर भर्ती को लेकर पिछले कुछ दिनों से विधानसभा में हंगामा हो रहा है। भूपेंद्र हुड्डा और सीएम सैनी भी इस मामले को लेकर भिड़ चुके हैं।

Inspector Recruitment 2008 Controversy: हरियाणा बजट सत्र के दौरान सदन में इंस्पेक्टर भर्ती में गड़बड़ी को मामला जोर-शोर से उठाया गया। इसको लेकर सियासत बढ़ती ही जा रही है। साल 2008 में हुए इंस्पेक्टर भर्ती मामले को लेकर बीजेपी विधायक सुनील सांगवान ने तत्कालीन सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर सवाल उठाए। इस दौरान सीएम नायब सैन ने विपक्ष को निशाना बनाया।

उन्होंने कहा कि फ्ल्यूड लगाकर फेल बच्चों को पास किया गया। वहीं, अब भूपेंद्र हुड्डा के समर्थन में कांग्रेस नेता भी उतर गए हैं। इस मामले को लेकर हिसार से कांग्रेस के लोकसभा सांसद जयप्रकाश ने कहा कि प्रदेश के बीजेपी मंत्रियों को अंग्रेजी पढ़नी नहीं आती है, जिसके चलते वे कोर्ट के ऑर्डर को पढ़ नहीं पाए।

कांग्रेस सांसद ने किया हुड्डा का बचाव

इंस्पेक्टर भर्ती मामले को लेकर भूपेंद्र हुड्डा पर लगाए जा रहे आरोपों को लेकर जयप्रकाश कहा बीजेपी के मंत्रियों को अंग्रेजी पढ़नी नहीं आती। साथ ही उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि लगता है कि ये जो पूरे मंत्रिमंडल को ही अंग्रेजी का ज्ञान नहीं है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया और न ही भर्ती को रद्द किया गया, बल्कि भर्ती प्रक्रिया में कमी बताई। उन्होंने दावा किया कि मौजूदा सरकार भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तत्कालीन सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है।

इसके अलावा बीजेपी विधायक सुनील सांगवान को लेकर जयप्रकाश ने कहा कि अगर उन्हें चुनौती दी जाए, तो वह सांगवान की सारी पोल खोल देंगे। उन्होंने कहा कि आखिर सुनील सांगवान और उनकी पत्नी की नौकरी कैसे लगी और उनके रिश्तेदार गुरुग्राम में बड़े पदों पर कैसे रहे। बता दें कि सुनील सांगवान जेल सुपरिटेंडेंट रहे हैं। साल 2024 में उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर दादरी से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बने।

सुनील सांगवान ने लगाया हुड्डा पर आरोप

बता दें कि बजट सत्र के दौरान सुनील सांगवान ने हुड्डा सरकार पर आरोप लगाया कि 2008 इंस्पेक्टर भर्ती में हुड्डा ने अपने रिश्तेदारों की नौकरी लगवाई थी। उन्होंने अपने पिता सतपाल सांगवान का जिक्र करते हुए दावा किया कि उनके पिता हुड्डा की सरकार में मंत्री पद पर थे। उस दौरान उनके पिता ने इंस्पेक्टर भर्ती में  एक गरीब वर्कर की पर्ची लेकर आए थे, लेकिन भूपेंद्र हुड्डा ने कहा था कि अगर कोई भाई भतीजा हो तो बताओ, वरना नौकरी नहीं लगेगी।

सदन में कैसे उठा मामला?

बजट सत्र की कार्यवाही के दौरान 18 मार्च को नारनौल से बीजेपी विधायक ओमप्रकाश यादव ने इंस्पेक्टर भर्ती मामले को उठाते हुए कहा कि इसमें 20 इंस्पेक्टर भर्ती किए गए थे, लेकिन जो बच्चा टॉप पर था उसका सिलेक्शन नहीं हुआ। जिसके बाद वह वह कोर्ट में गया। ओमप्रकाश ने कहा कि कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि इस भर्ती में फ्ल्यूड का इस्तेमाल करके फेल बच्चों को टॉप पर रखा गया।

इस पर सुनील सांगवान ने कहा कि इसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री हुड्‌डा का भतीजा भी शामिल था। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच सदन में हंगामा हो गया। अगले दिन 19 मार्च को फिर सदन की कार्यवाही ओमप्रकाश ने कहा इस मामले पर जवाब मांगा। इस पर भूपेंद्र हुड्डा ने कोर्ट का फैसला पढ़कर सुनाया और कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है।

इस पर सीएम नायब सैनी ने कहा कि पानीपत के रहने वाले अमित कुमार ने इसको लेकर पिटीशन डाली थी। उसने आरोप लगाए थे कि एग्जाम में टॉप आने के बाद भी इंटरव्यू में कम नंबर देकर उसे बाहर कर दिया गया। साथ ही उसका कहना है कि इस मामले में दो उम्मीदवारों अर्जुन राठी और दीपक ने लिखित परीक्षा भी नहीं दी, खाली परीक्षा दे आए। इस पर भूपेंद्र हुड्डा ने सदन से इस्तीफा देने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि सदन में कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी नहीं होनी चाहिए।

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