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हरियाणा के फतेहाबाद में जाखल क्षेत्र से गुजरती घग्घर नदी व रंगोई नाले में दर्जनों गांव बाढ़ से प्रभावित रहे हैं। उन गांवों में इस बार फिर से बाढ़ का खतरा उत्पन्न न हो, इसे लेकर खंड सिंचाई विभाग ने बाढ़ बचाव और राहत कार्य पूरे कर लिए हैं। बाढ़ आपदा से निपटने के लिए प्रशासन युद्धस्तर पर जुटा हुआ है।

जाखल/फतेहाबाद: प्रदेश में मानसून ने दस्तक दे दी है, पहाड़ों के साथ ही मैदानी इलाकों में भी बरसात शुरू हो गई है। इस बार जिला में भी भारी बारिश का अनुमान जताया गया है। जिले के जाखल क्षेत्र से गुजरती घग्घर नदी व रंगोई नाले में दर्जनों गांव बाढ़ से प्रभावित रहे हैं। उन गांवों में इस बार फिर से बाढ़ का खतरा उत्पन्न न हो, इसे लेकर खंड सिंचाई विभाग ने बाढ़ बचाव और राहत कार्य पूरे कर लिए हैं। बाढ़ आपदा से निपटने के लिए प्रशासन युद्धस्तर पर जुटा हुआ है। इसे लेकर विभाग द्वारा मानसून में घग्घर नदी व इसके सहायक रंगोई नाले में जल प्रवाहित के प्रबंधों को लेकर अपने संसाधनों सहित कई गांव के मनरेगा श्रमिकों के साथ तैयारी में लगा हुआ है।

अधिक बरसात में खतरे के निशान से ऊपर बहती है घग्घर नदी

इन दिनों प्रदेश में मानसून दस्तक दे चुका है। फतेहाबाद जिला के कई इलाकों में भी बरसात हो गई है। पहाड़ों पर कुछ दिन पहले से ही मानसूनी बादलों ने बरसना शुरू कर दिया था। इससे मानसून वर्षा अधिक होने से जिला के जाखल क्षेत्र से बहती घग्घर नदी कई बार खतरे के निशान से ऊपर बहने लगती हैं। विदित हैं कि गत वर्ष घग्घर नदी में पानी अधिक आने से नदी ओवरफ्लो हो गई, जिससे कई जगह नदी व रंगोई नाले के तटबंध टूट गए। इससे बाढ़ आने से नदी ने क्षेत्र में खूब तबाही मचाई थी। उस वक्त नहरी विभाग की बाढ़ बचाव की व्यवस्था पुख्ता नहीं थी। यहां तक कि पिछले वर्ष मिट्टी के कट्टे तक भी उपलब्ध नहीं हो पाए थे। बीते वर्ष की स्थिति को ध्यान में रखते हुए विभाग इस बार पहले से ही व्यवस्था सुदृढ़ करने में जुटा हैं।

नहरी खंड विभाग हुआ सक्रिय

बाढ़ के खतरे को भांपते हुए बाढ़ खंड विभाग मानसून से पहले ही सतर्क हो गया है। बता दें कि मानसूनी बरसात के अलावा पीछे से पहाड़ी क्षेत्र में होती बरसात का पानी घग्घर नदी में छोड़ा जाता है, जिसकी वजह से नदी खतरे के निशान से ऊपर बहने लग जाती हैं। परिणामस्वरूप इससे तटवर्ती गांव पूरी तरह बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं। इसके अलावा जाखल शहर में भी बाढ़ आने का खतरा बन जाता है। ऐसे में बाढ़ से बचाव को लेकर इस बार अधिकारियों ने कमजोर तटबंध मजबूत करने सहित घग्घर नदी के पुल के निचले हिस्से की सफाई व रंगोई नाले में जल प्रवाहित में बाधा उत्पन्न करने वाली जलकुंभी को निकाल कर पुख्ता ढंग से साफ कराने पर पूरा जोर दिया जा रहा हैं। इसके अलावा आवश्यकता मुताबिक नदी के किनारों पर मिट्टी के ढेर लगाने के साथ-साथ आपात स्थिति से निपटने हेतु पहले ही मिट्टी के हजारों थैले भरकर रख लिए हैं।

मिट्टी के कट्टे भरकर रखें व कमजोर किनारों पर लगाए

क्षेत्र के शकरपुरा गांव में नहरी विभाग द्वारा पोकलेन मशीनों के साथ रंगोई नाले के तटबंधों को दुरुस्त किया गया है। वहीं कई गांव के मनरेगा मजदूरों द्वारा सफाई का कार्य पूर्ण करवा, मिट्टी के थैलों का प्रबंध किया जा रहा है। मनरेगा मेट विक्रम सिंह ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा दिन रात एक कर बाढ़ बचाव प्रबंधन कार्य को धार दी जा रही हैं। विभाग की ओर से मिट्टी के कट्टे भरकर रखने के लिए आज भी उन्हें लगभग तीन हजार खाली कट्टे व मिट्टी की ट्रालियां उपलब्ध कराई गई थी। इसे लेकर मनरेगा श्रमिकों ने मिट्टी के हजारों कट्टे भरकर रख दिए है अथवा विभाग के निर्देशों पर घग्घर के कई कमजोर किनारों पर भी बैग लगाए गए हैं।

बाढ़ में हुआ था भारी नुकसान

बता दें कि बीते वर्ष शक्करपुरा गांव में रंगोई नाला के तटबंध टूटने के कारण बाढ़ आने से पानी से आसपास क्षेत्र में फसलों को भारी नुकसान हुआ था। उस घटना से सबक लेकर विभाग द्वारा इस स्थान पर इस बार विशेष ध्यान देते हुए सैकड़ों मजदूरों व संसाधनों द्वारा तटबंध को ऊंचा उठाने, पक्का करने व मिट्टी के कट्टे से तटबंध सुदृढ़ किए जा रहे है। सिंचाई विभाग के एसडीओ संजीव सिंगला ने कहा कि प्रशासन ने आपदा से निपटने के लिए अपनी पूरी तैयारियां कर ली है। रंगोई नाले की सफाई का काम भी पूरा करवा दिया गया है। कमजोर तटबंधों को मजबूत कर दिया गया है।

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