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हरियाणा के जींद की पांचों विधानसभा 3 लोकसभा क्षेत्रों में बंटी हुई है। जींद के लोग तीन सांसदों का चुनाव करने में भूमिका निभाते हैं। परिसिमन से पहले जींद 2 लोकसभा क्षेत्रों में बंटा हुआ था। 2009 के बाद जींद को 3 लोकसभा क्षेत्रों में बांट दिया गया।

Jind: लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। प्रदेश से दस सांसद निर्वाचित होकर लोकसभा में जाते हैं। जिला जींद एक मात्र ऐसा जिला है, जो तीन सांसद चुनने में अपना योगदान देता है। जिनकी संस्कृति, सामाजिक तानेबाने, रीति रिवाज, बोली में अंतर है। खास बात यह है कि जिला जींद ना तो आबादी के हिसाब से बड़ा है और ना ही क्षेत्रफल के हिसाब से बड़ा है। परिसीमन के हिसाब से जिले को तीन लोकसभा क्षेत्र में बांटा गया है। जिला जींद की तीन विधानसभा जींद, जुलाना, सफीदों सोनीपत लोकसभा क्षेत्र में आते हैं। उचाना विधानसभा हिसार लोकसभा क्षेत्र में आता है। जबकि नरवाना विधानसभा सिरसा लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। जिले की पांच विधानसभा के मतदाता तीन लोकसभा क्षेत्रों के प्रत्याशियों को चुनने में अपना योगदान देते है।

तीनों लोस का ताना बाना भी अलग, बोली व रीति रिवाजों में भी फर्क

अगर तीनों लोकसभा क्षेत्रों की बात की जाए तो सांस्कृतिक रीति रिवाजों, सामाजिक तानाबाना, बोली में भी काफी फर्क है। जिला जींद बागर के नाम से विख्यात है। जिसकी तीन विधान सभा जींद, सफीदो तथा जुलाना सोनीपत लोकसभा में आती है। जिसे देशवाली बैल्ट के नाम से जाना जाता है। यहां पर बागर तथा देसवाली का मिश्रण है। उचाना विधान सभा जो हिसार लोकसभा के अंतर्गत आता है। जबकि नरवाना विधानसभा सिरसा लोक सभा के अंतर्गत आता है। हिसार तथा सिरसा का बड़ा इलाका बागड बैल्ट में आता है। यहां पर बागर ओर बांगड का मिश्रण है।

परिसिमन से पहले दो, तो बाद में बंट गया तीन लोकसभा क्षेत्रों में

वर्ष 2009 से पहले जिला जींद दो लोकसभा क्षेत्रों में बंटा था। जिसमें जिले के विधान सभा क्षेत्र छह आते थे। परिसिमन के बाद राजौद विस को खत्म कर उसे कैथल के साथ जोड़ दिया गया। वर्ष 2009 से पहले सफीदों तथा जुलाना सोनीपत लोकसभा में आते थे। जबकि जींद, उचाना, नरवाना तथा राजौंद हिसार लोकसभा के तहत आते थे। वर्ष 2009 परिसिमन के बाद जिला जींद में पांच विधान सभा क्षेत्र रह गए। जबकि पांचों विधानसभा तीन लोकसभा क्षेत्रों में बंट गया। जिसमें सफीदों, जुलाना के साथ जींद विस को सोनीपत से जोड़ दिया गया। उचाना हिसार लोकसभा में रह गया। जबकि नरवाना को सिरसा लोक सभा से जोड़ दिया गया है। खास यह भी रहा कि तीनों लोस भाजपा के खाते में गई।

लोकसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में किया मतदान तो विस में नकारा

वर्ष 2019 लोकसभा तथा विस चुनाव पर नजर दौड़ाई जाए तो कई रोचक पहलू निकलकर सामने आएंगे। वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में जिले की पांचों विधान सभा सीटों तीनों लोकसभा क्षेत्रों के भाजपा प्रत्याशियों को जीत हासिल हुई। यहां तक कि सोनीपत लोकसभा सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा जिले की तीनों विस जींद, सफीदो, जुलाना में बड़ी हार का सामना करना पड़ा। यहां पर भाजपा के रमेशचंद्र कौशिक सांसद बने। उचाना विस से भाजपा के बृजेंद्र को बड़ी बढ़त मिली। जिन्होंने दुष्यंत चौटाला को हराया। नरवाना विस के लोगों ने भाजपा की सुनीता दुग्गल को बढ़त दी। जिन्होंने कांग्रेस के अशोक तंवर को हराया। लोस चुनाव के पांच माह बाद वर्ष 2019 विधानसभा चुनाव में उचाना, जुलाना तथा नरवाना विस में लोगों ने भाजपा तथा कांग्रेस को नकार दिया और तीनों सीटे जजपा की झोली में डाल दी। सफीदो विस के लोगों ने भाजपा को नकार कांग्रेस को सिर पर बैठाया। जबकि जींद विस पर भाजपा ने अपनी पकड़ जारी रखी और भाजपा का कमल खिला दिया।

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