Jind: उचाना विधानसभा में मतदाताओं का रुख कांग्रेस का रहा। इससे पहले विधानसभा चुनाव में जहां जजपा का तुफान उचाना के मतदाताओं में आया था, अब वह तुफान जजपा के बिल्कुल विपरित हो गया। जिसके चलते जजपा की उम्मीदवार नैना चौटाला को उचाना विधानसभा में केवल 3911 मत ही प्राप्त हुए। साढ़े चार वर्ष पहले विधानसभा चुनाव में जजपा को उचाना में 92504 मत लेकर दुष्यंत चौटाला ने रिकार्ड मतों से जीत हासिल की थी। जजपा को कई बूथ पर शून्य तो दर्जन भर बूथों पर एक से दो वोट ही प्राप्त हुए। जबकि एक बूथ नंबर सात पर सबसे अधिक 119 मत ही मिले। इसके विपरित सभी बूथों पर दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं हुआ।
जजपा को जनता ने बूरी तरह नकारा
उचाना के मतदाताओं ने जजपा को अब बूरी तरह से नकार दिया है। हालांकि इस बार कांग्रेस ने उचाना में अपना वोट बैंक में सुधार कर सभी प्रत्याशियों को बुरी तरह से हराया है। कांग्रेस के जयप्रकाश ने उचाना में 76694 वोट लेकर जजपा व भाजपा को आइना दिखाने का काम किया। उचाना में भाजपा के उम्मीदवार रणजीत चौटाला को भी 42166 वोट प्राप्त हुए। भाजपा को मिले वोट को स्थिर माना जाएगा। क्योंकि बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा की उम्मीदवार रही प्रेमलता को भी अब रणजीत चौटाला को मिले वोटों से कुछ ही ज्यादा 45052 वोट मिले थे। अब जजपा के लिए आगामी विधानसभा चुनाव में भी उचाना खतरे से कम नहीं रहेगा। जजपा को बेहद कम वोट मिलने से यह रिकवरी करना जजपा के लिए बेहद मुश्किल काम होगा। जहां जजपा की एक समय में एकतरफा लहर थी, आज वहां पर जजपा हाशिये पर खड़ी है।
245 मत लेकर नोटा रहा उचाना में 19 उम्मीदवारों पर भारी
उचाना में नोटा भी 19 उम्मीदवारों पर भारी रहा। इसमें विकास इंडिया पार्टी के जगत सिंह को 39, भारतीय आशा पार्टी के नीरज कुमार को 88, पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया के एडवोकेट प्रदीप सिंहमार को 107, सोशलिस्ट यूनाइटी सेंटर ऑफ इंडिया के मास्टर विजेंद्र जितपुरा को 71, आजाद उम्मीदवार अजीत सिंह को 89, आत्माराम बिश्रोई को 52, ईश्वर झांझरिया को 129, कुलबीर को 128, चंद्र मोहन को 95, दिनेश कुमार को 77, पूनम मोर को 158, मनदीप को 39, योगेश बूरा को 33, रणधीर सिंह को 35, प्रजापति राकेश धुवारिया को 39, राजेंद्र कुमार को 32, विजय सिंह को 27, सुरेंद्र को 71, सुरेंद्र कुमार को 34 मत मिले। इनके विपरित नोटा को उचाना विधानसभा में कुल 245 मत प्राप्त हुए।