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हरियाणा की राजनीति में 2024 के चुनाव की घोषणा से पहले ही नेताओं में वार पलटवार का खेल शुरू हो गया है। खुद पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का जवाब देते हुए पूर्व सीपीएस रामपाल माजरा पर तीखा तंज कसते हुए कहा कि मुझे हराने के लिए 2019 में कांग्रेस उम्मीदवार बनने वाले आज निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं। मेरे पास तो पहले भी तीन एकड़ जमीन थी और 2024 के घोषणापत्र में भी तीन एकड़ ही रहेगी। ऐसे लोग अपना हिसाब दे तो पता चले।

Haryana Political News। कैथल के कलायत से भाजपा विधायक एवं राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने अपने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले पूर्व सीपीएस रामपाल माजरा को करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि मेरे पति नरसिंह ढांडा राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री थे तथा अब मैं राज्यमंत्री हूं। मेरे पास पहले भी तीन एकड़ जमीन थी तथा 2024 के चुनाव में दिए जाने वाले घोषणापत्र में तीन एकड़ जमीन ही होगी। मेरे बारे में पैसा पैसा वाला डायलॉग बोलने वालों को पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। उन्हें जनता को बताना चाहिए कि राजनीति में आने से पहले उनके पास क्या था और आज क्या है। तभी सही मायनों में पता चलेगा कि पैसा पैसा किसान किया है। मेरे पति नरसिंह ढांडा ने हमें ईमानदारी से राजनीति करने की जो राह दिखाई थी, आज मैं उनके जाने के बाद उन्हीं के पदचिन्हों पर चलकर ईमानदारी से जनता की सेवा कर रही हूं। राज्यमंत्री ने कहा कि मैं जानती हूं कि ईमानदारी की राह में कई चुनौतियां आएगी, परंतु मैं चुनौतियों का सामना करते हुए अपने पति के सपनों को ईमानदारी से साकार करती रहूंगी।

2019 में मुझे हराने के लिए बने थे एजेंट 

रामपाल माजरा पर कटाक्ष करते हुए राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि राजनीति को व्यवसाय बनाने वाले लोगों ने 2019 में हाथ मिलाया तथा आज निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले लोग मुझे हराने के लिए कांग्रेस उम्मीदवार के चुनाव एजेंट बन गए थे। जनता अब ऐसे नेताओं की सच्चाई जान चुकी है तथा 2024 में निर्दलीय लड़ने वाले यदि 2019 में ऐसा करते तो उन्हें हकीकत का अहसास तभी हो चुका होता।

बहुत देर कर दी आते आते

राज्यमंत्री ने कहा कि कि जिन्हें आजाद उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरने का जुनून चढ़ा है, वे धरातल पर आकर देखे लें। खुद स्थिति का आभास हो जाएगा। शायद उन्होंने आते-आते बहुत देर कर दी। उन्हें 2019 में ही आजाद उम्मीदवार के तौर चुनावी रण में आना जाना चाहिए था, लेकिन उस दौरान वे कांग्रेस उम्मीदवार के एजेंट बनकर रह गए क्योंकि ये लोग सियासी साजिश के तहत कमलेश ढांडा को हराना चाहते थे। कलायत विधानसभा के मतदाताओं ने विजयश्री उन्हें प्रदान की। अब यह जीत विरोधियों को रास नहीं आ रही। उन्होंने राजनीतिक फायदे के लिए झूठे कटाक्ष करते हुए महिलाओंं के सम्मान करने की भी नसीहत दी।

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