यमुनानगर। सीबीआई की टीम ने विदेशी नागरिक से क्रिप्टोकरेंसी के जरिए 12 करोड़ की ठगी मामले में से ज्वैलरी शॉप के संचालक का नाम निकालने की एवज में पांच लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए जिला साइबर क्राइम थाना के इंस्पेक्टर को गिरफ्तार कर लिया। मामले की जांच जिला साइबर क्राइम थाना के गिरफ्तार किए गए इंस्पेक्टर बलवंत सिंह ही कर रहे थे। सीबीआई की टीम ने मामले में एक आरोपी को पहले ही गिरफ्तार जा चुका है। विदेशी से ठगी के मामले में जांच अधिकारी की गिरफ्तारी से खाकी एक बार फिर दागदार हुई है।
यूएसए के नागरिक के खाते से निकाले थे 13 लाख डॉलर
जानकारी के मुताबिक संयुक्त राज्य अमेरिका के फ्लोरिडा निवासी मरले ली कोरेजवो के पास सितंबर 2022 में उनके मोबाइल पर कॉल आया था। उस समय काल करने वालों ने खुद को बैंक कर्मी बताया था और उसे बातों में उलझाकर बैंक संबंधी डिटेल ली थी। जिसके बाद आरोपियों ने कंप्यूटर के जरिए बिटक्वाइन खाते को हैक कर लिया। जिसके माध्यम से उससे लगभग 13 लाख डालर यानि लगभग 12 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई। इस मामले में मरले ली कोरेजवो ने संयुक्त राज्य अमेरिका में केस दर्ज करवाया।
अमेरिका में दर्ज हुआ था केस, भारत में मिली धोखाधड़ी
अमेरिका में दर्ज मामले में जांच में सामने आया था कि धोखाधड़ी भारत में हुई थी। जिन खातों में रकम गई वह सभी भारत के थे। मरले लीज कोरेजवा के अधिवक्ता निहार अग्रवाल ने कोर्ट के आदेश पर साइबर क्राइम थाना में विक्रमजीत सिंह समेत दो महिलाओं आंचल मित्तल और सरिता के विरुद्ध केस दर्ज करवाया गया था। इस केस में आरोपित विक्रमजीत को सबसे पहले गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद अब तक आठ आरोपित पकड़े जा चुके हैं। इस ठगी के मामले में एक ज्वैलरी शॉप के संचालक का नाम भी आया था।
ज्वैलरी संचालक का नाम निकालने की एवज में मांगे थे 40 लाख
ठगी मामले में से ज्वैलरी शॉप के संचालक के नाम को निकालने के लिए मामले की जांच कर रहे साइबर क्राइम के इंस्पेक्टर ने 40 लाख रुपये की मांग की थी। इस दौरान शिकायतकर्ता ने पैसे की मांग करते हुए इंस्पेक्टर की रिकाॅर्डिंग कर ली और सीबीआई को शिकायत कर दी। इसके बाद ही सीबीआई ने आरोपित इंस्पेक्टर को पकड़ने के लिए जाल बिछाया और उसे बीती देर शाम चंडीगढ़ स्थित सेक्टर 23 के पास से पांच लाख रुपये की रिश्वत लेते पकड़ लिया गया। आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद सीबीआई की टीम साइबर क्राइम थाना में पहुंची। सीबीआई की टीम ने रात भर थाना में मामले से संबंधित दस्तावेज खंगाले व सुबह लगभग तीन बजे टीम यहां से निकली। आरोपी के एक साथी को सीबीआई पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।