हरियाणा में लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है। 2005 में प्रदेश की सत्ता में आई कांग्रेस की कमान भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हाथ में आने के बाद से हमेशा भूपेंद्र सिंह हुड्डा के विरोध का झंडा बुलंद करने वाली पूर्व सीएलपी लीडर एवं कांग्रेस नेत्री किरण चौधरी के पूर्व सांसद श्रुति चौधरी के अचानक दिल्ली पहुंचने से इन चर्चाओं को बल मिला है। किरण चौधरी ने 10 मार्च को दादरी में एक बड़ी रैली का आयोजन करना था। बुधवार सुबह लोहारू में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद किरण चौधरी ने अचानक अपने सभी कार्यक्रम रद कर दिए तथा बेटी श्रुति चौधरी के साथ दिल्ली के रवाना हो गई। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समानानंतर कुमारी शैलजा के साथ जनसंदेश यात्रा शुरू करवाने वाली किरण चौधरी के अचानक दिल्ली रवाना होने से प्रदेश की सियासत गरमा गई है। जिससे उनके पूर्व सांसद एवं बेटी के साथ भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं शुरू हो गई है। यदि ऐसा हुआ तो पहले से खेमों में बंटी प्रदेश कांग्रेस के लिए यह एक बड़ा झटका होगा।
भिवानी महेंद्रगढ़ से ताल ठोंक रही श्रुति
मोदी लहर में भिवानी महेंद्रगढ़ से 2009 व 2014 भाजपा के धर्मबीर सिंह से चुनाव हारी श्रुति चौधरी 2014 में फिर से भिवानी महेंद्रगढ़ सीट से चुनाव मैदान में उरतने की दावेदारी कर रही थी। जिसके लिए पिछले कई माह से क्षेत्र में रैली व सभाएं कर चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई थी। माना जा रहा है कि मंगलवार को हुई स्क्रिनिंग कमेटी की बैठक के बाद श्रुति की टिकट पर मडराएं खतरे के बाद किरण ने बेटी को साथ लेकर दिल्ली जाने का प्लान बनाया। भूपेंद्र सिंह हुड्डा से अनबन के चलते कांग्रेस छोड़ने वाले पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर ने भी हाल में ही आम आदमी पार्टी छोड़कर भाजपा ज्वाइन की थी।
स्क्रिनिंग कमेटी की बैठक के बाद उठाया कदम
2024 लोकसभा चुनावों में पार्टी के उम्मीदवार तय करने के लिए मंगलवार को कांग्रेस की स्क्रिनिंग कमेटी की बैठक हुई। सूत्र बताते हैं कि स्क्रिनिंग कमेटी ने भिवानी महेंद्रगढ़ सीट से भेजे गए तीन नामों में श्रुति चौधरी का नाम तो शामिल किया, परंतु उससे सबसे अंत में जगह दी गई। पहले नंबर पर राव बहादुर सिंह और दूसरे नंबर पर राव दान का नाम भिवानी महेंद्रगढ़ सीट के लिए केंद्रीय कमेटी के पास भेजा गया। जिसे किरण चौधरी हजम नहीं कर पाई।
भूपेंद्र हुड्डा का प्रभाव बढ़ने के बाद कई बड़े चेहरों ने छोड़ी कांग्रेस
2005 में प्रदेश की कमान भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हाथ में आने के बाद पिछले करीब दो दशक में प्रदेश कांग्रेस के कई बड़े चेहरे कांग्रेस को अलविदा कह चुके हैं। इन चेहरों में चौ़ बिरेंद्र सिंह, राव इंद्रजीत सिंह, कुलदीप बिश्नोई, अशोक तंवर, डॉ. अरविंद शर्मा, कृष्ण मूर्ति हुड्डा, रमेश कौशिक, चौ. धर्मबीर सिंह का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है। रणदीप सिंह सुरेजवाला के साथ कुमारी शैलजा, किरण चौधरी प्रदेश कांग्रेस के बड़े चेहरों में शामिल रहे हैं। गांधी परिवार से नजदीकी के चलते रणदीप सिंह सुरजेवाला व कुमारी शैलजा भूपेंद्र सिंह के विरोधी होते हुए भी पार्टी में प्रभावी पद पाने में सफल रहे हैं, परंतु पूर्व मुख्यमंत्री बंशीलाल की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रही किरण चौधरी अपने दम पर पिछले करीब दो दशक से भूपेंद्र सिंह हुड्डा को चुनौती देती रही हैं। ऐसे में मान जा रहा है कि अपने प्रभाव का प्रयोग कर भूपेंद्र सिंह हुड्डा श्रुति चौधरी को लोकसभा चुनाव की रेस से बाहर कर किरण चौधरी को बड़ा झटका दे सकते हैं। जिसे भांपते हुए किरण पाला बदलकर प्रदेश में हुड्डा के साथ साथ कांग्रेस को एक बड़ा झटका दे सकती हैं।