Traders Protest in Ambala: हरियाणा में 5 महीनों से बंद शंभू बॉर्डर को खुलवाने की मांग उठाई जा रही है। अंबाला के व्यापारिक संगठनों के बाद आज गुरुवार को कांग्रेस के पूर्व मंत्री निर्मल सिंह की अगुवाई में आज बॉर्डर खुलवाने के लिए सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया गया। इसके साथ ही वर्तमान सरकार को निशाना बनाते हुए विरोध जताया।
प्रशासन ने की थी बैरिकेडिंग
प्रशासन ने किसानों के दिल्ली कूच से रोकने के लिए लगभग 5 महीने पहले अंबाला के पास हरियाणा पंजाब के शंभू बॉर्डर पर कई लेयर की बैरीगेटिंग कर उसे बंद कर दिया था। इसे लेकर काफी समय से बंद पड़े इस बॉर्डर को अब खुलवाने की मांग उठाई जा रही है। इसे लेकर आज अंबाला में कांग्रेस के पूर्व मंत्री निर्मल सिंह ने अपने साथियों के साथ सांकेतिक धरना और बॉर्डर खुलवाने को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा।
अंबाला के व्यापारियों का काम पड़ा ठप
इस धरना प्रदर्शन के दौरान निर्मल सिंह ने कहा कि जो किसान शंभू बॉर्डर पर बैठे है, उन्हें दिल्ली जाने देना चाहिए, क्योंकि ये उनका अधिकार है। शंभू बॉर्डर के बंद होने से अंबाला शहर के कपड़ा व्यापारियों का काम पूरी तरह से ठप पड़ गया है और उनका खर्चा निकलना भी मुश्किल हो गया है। उन्होंने सरकार से जल्द इस समस्या का समाधान करने की मांग की है।
परिवहन मंत्री ने कि शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात
वही, हरियाणा के परिवहन मंत्री असीम गोयल ने बुधवार को नई दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की और अंबाला जिला के शंभू बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों को समझा कर बॉर्डर को खुलवाने की मांग की।
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असीम गोयल ने कहा कि अंबाला जिला के बॉर्डर पर स्थित गांव शम्भू के पास किसानों ने लगभग पांच महीने पहले अपना आंदोलन शुरू करके बॉर्डर पर आवाजाही बंद कर दी थी। तब से लेकर आज तक यह बॉर्डर बंद ही है। इससे आम जनता के साथ-साथ व्यापारियों को भी अपना व्यवसाय करने में परशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री ने आश्वासन दिया है कि किसानों की मांगों पर दोबारा से बातचीत शुरू कराने का प्रयास किया जाएगा। इस पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर का कहना है कि किसानों ने रास्ता नहीं रोका है। हरियाणा सरकार ने ही जगह जगह बैरिकेडिंग की है, जिससे आम जनता के साथ व्यापारी वर्ग भी परेशान है। उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी, हम शंभू बॉर्डर पर ही डटे रहेंगे।