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Kisan Andolan News: किसान आंदोलन को दिल्ली की ओर बढ़ने से रोकने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा की सख्ती के खिलाफ दायर दो याचिका में आज पंजाब और हरियणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने चंडीगढ़ में किसानों के साथ केंद्र सरकार की होने वाली मीटिंग का हलफनामा दायर करने के लिए कहा है।

Farmer Protest Updates: पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर तीन दिन से किसान डंटे हैं। हरियाणा सरकार ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बॉर्डर पर सख्त नाकाबंदी की है। बॉर्डर से जुड़े कई जिलों में नेटवर्क संचालन बंद कर दिया गया है। किसानों को दिल्ली जाने से रोकने और प्रदर्शन करने की आजादी को लेकर दायर 2 याचिकाओं पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में आज 15 फरवरी को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने चंडीगढ़ में किसानों के साथ केंद्र सरकार की होने वाली मीटिंग का हलफनामा दायर करने के लिए कहा है। इसके बाद सुनवाई को 20 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया।  

मीटिंग में हुई बातचीत की कोर्ट को देनी होगी जानकारी

इस केस की सुनवाई एक्टिंग चीफ जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस लपिता बनर्जी की बेंच कर रही है। गौरतलब है कि किसानों की केंद्र सरकार के मंत्रियों के साथ आज चंडीगढ़ में तीसरी मीटिंग होनी है। इस मीटिंग में हुई बातचीत और लिए गए फैसले को हाईकोर्ट में पेश करना होगा। इससे पहले सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने अपडेटेड रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे। साथ ही पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और केंद्र सरकार को नोटिस भी जारी किया था।

कोर्ट ने कहा सरकार को को सौहार्दपूर्ण तरीके से निपटना चाहिए

हाईकोर्ट इस मामले में सरकार से कह चुका है कि मौलिक अधिकारों में संतुलन होना चाहिए। किसानों और आम लोगों के अपनी बात कहने के लिए उनके अपने अधिकार हैं। सरकारों को इस मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाना चाहिए। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को यह भी कहा कि किसी भी तरह का बल प्रयोग अंतिम विकल्प होना चाहिए। वहीं, हरियाणा सरकार ने भी कोर्ट के समक्ष पक्ष रखा था कि आम लोगों के दिल्ली जाने के खिलाफ नहीं हैं। हमने पिछला किसान आंदोलन देखा था, जिसमें हरियाणा की सीमाओं पर बैठकर लंबे समय तक धरना दिया, जिससे आम लोगों को परेशानी हुई। सीएम मनोहर लाल ने भी आज इसी बात को दोहराया है। उन्होंने कहा कि किसानों की मांगों पर लोकतांत्रिक तरीके से ही चर्चा हो सकती है। यहां क्लिक करके पढ़िये विस्तृत खबर...

क्यों दायर की गई थी याचिका

बता दें कि किसान आंदोलन को लेकर हाईवे पर लगाए गए बैरिकेडिंग व इंटरनेट सेवा बंद करने से लोगों को हो रही परेशानी के मामले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई थी। इस पर हाईकोर्ट ने हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, केंद्र सरकार, किसान यूनियन व यूटी प्रशासन को नोटिस जारी करते हुए स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि किसानों को प्रदर्शन का अधिकार है।  

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किसानों को अब हरियाणा का भी मिला साथ

इस बीच किसानों के समर्थन में सिसाय गांव में हुई महापंचायत में बड़ा फैसला लिया गया है। दरअसल अब पंजाब के किसानों को हरियाणा के किसानों का समर्थन मिल गया है। इस आंदोलन में अब हरियाणा के भी किसान शामिल होंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महापंचायत में फैसला लिया गया है कि 20 फरवरी को हरियाणा के किसान खनोरी बॉर्डर के लिए रवाना होंगे। यही नहीं 16 फरवरी से गांव में किसान आंदोलन का प्रचार करेंगे जबकि 18 तारीख को गांव में ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। हालांकि, माना जा रहा है कि अगर आंदोलनकारी किसानों को हरियाणा के किसानों का भी साथ मिल गया तो ये आंदोलन लंबा चलेगा। हालांकि, चंडीगढ़़ में होने वाली मीटिंग के बाद ये तय हो पाएगा की आंदोलन खत्म होगा या जारी रहेगा। 

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