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हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान सरकार ने मंत्रिमंडल की अंतिम बैठक करते हुए राज्यपाल के पास विस को भंग करने की सिफारिश भेज दी है। अब प्रदेश में कार्यवाहक सरकार रहेगी और सभी मंत्री भी कार्यवाहक के रूप में कार्य करेंगे।

योगेंद्र शर्मा, चंडीगढ़: आखिरकार हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 की सियासी जंग तेज होती जा रही है। वीरवार को नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन है, जिसके बाद सियासी दिग्गज पूरी तरह से मैदान में उतरने जा रहे हैं। अहम बात यह है कि बुधवार को हरियाणा मंत्रिमंडल की अंतिम बैठक हुई। नायब-मनोहर सरकार पार्ट-2 की फाइनल बैठक में संवैधानिक संकट को टालने के लिए विस भंग करने की सिफारिश सरकार की ओर से कर दी गई है। देर शाम को हुई बैठक के दौरान मंत्रियों में सीएम नायब सैनी के अलावा असीम गोयल, डॉ. बनवारी लाल, संजय सिंह, कंवरपाल गुर्जर, सुभाष सुधा, कमल गुप्ता मंत्री पहुंचे।

राज्यपाल को भेजी विस भंग करने की सिफारिश

हरियाणा की कैबिनेट बैठक में विस भंग करने की सिफारिश राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से की गई है। इसके लिए राजभवन से पहले ही वक्त लिया गया था। खास बात यह है कि कैबिनेट के बाद  मुख्यमंत्री रात्रि में राज्यपाल से मिलने गए। विस 13 सिंतबर को भंग करने की सिफारिश की गई है। बताया जा रहा है कि 12 सितंबर तक विस का सत्र बुलाना जरूरी था। बीती 13 मार्च को इसी साल सत्र हुआ था। लेकिन छह माह के अंदर नियमों के हिसाब से सत्र बुलाया जाना जरूरी था। अगर सत्र नहीं बुलाया जाता है, तो संवैधानिक खतरा पैदा हो जाता है। उस हालात में राज्यपाल सरकार को लेकर राष्ट्रपति को लिखकर भेज सकते थे।

अब प्रदेश में कार्यवाहक सरकार

प्रदेश में अब नायब सैनी सरकार कार्यवाहक सरकार रहेगी और उनके मंत्री भी कार्यवाह रहेंगे। विशेषज्ञ काफी दिनों से इस बारे में संवैधानिक संकट को लेकर सत्र बुलाने अथवा राज्यपाल को लिखित में सिफारिश देने का सुझाव दे रहे थे। विशेषज्ञों का यहां तक कहना था कि हरियाणा में पिछला विधानसभा सत्र 13 मार्च को हुआ था। संविधान के मुताबिक अगला सत्र छह महीने के अंदर होना चाहिए था। हरियाणा में छह माह का वक्त 12 सितंबर को पूरा हो रहा है। इस तरह से सरकार की ओर से कैबिनेट बैठक लेकर सिफारिश करने का फैसला लिया गया।

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