Sonipat: विधि का विधान कहें या फिर संयोग। सोनीपत में एक मां और उसके बेटे का अंतिम संस्कार एक साथ हुआ। ऐसा नहीं था कि दोनों किसी हादसे का शिकार होकर असमय ही काल का ग्रास बन गए हों। मां जहां प्राकृतिक मौत का शिकार बनी, वहीं बेटे की सीने में दर्द के चलते मौत हो गई। माता जहां रविवार शाम को चल बसी थी, वहीं बेटे को सोमवार सुबह अस्पताल में चिकित्सकों ने मृत घोषित किया।
एक साथ घर से निकली दो अर्थी
जानकारी अनुसार सोनीपत के जटवाड़ा के सुंदर मौहल्ला में रहने वाली 84 वर्षीय सावित्री देवी का 28 जनवरी यानि रविवार को शाम लगभग 3.30 बजे निधन हो गया। शाम होने के चलते रिश्तेदार समय पर नहीं पहुंच सकते थे, इसलिए दाह संस्कार का समय सोमवार सुबह का तय किया गया। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। अगले दिन यानि सोमवार सुबह लगभग 10 बजे सावित्री देवी के पुत्र 51 वर्षीय प्रमोद कुमार को सीने में दर्द हुआ। उसे उपचार के लिए अस्पताल लेकर गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मां बेटे की एकसाथ घर से अर्थी निकली।
हरियाणा रोडवेज में कार्यरत था मृतक प्रमोद
मृतक प्रमोद कुमार हरियाणा रोडवेज में कार्यरत था। सीने में दर्द उठने के बाद उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया था। एक तरफ जहां परिवार के सदस्य सावित्री देवी के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे, वहीं अब परिवार को प्रमोद कुमार का भी संस्कार करने की तैयारी करनी पड़ी। इसके बाद शाम लगभग पांच बजे दोनों को एक साथ एक ही शव वाहन में शमशान ले जाया गया। जहां पर एक ही समय में दोनों के अंतिम संस्कार करवाए गए।