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हरियाणा के अंबाला में सोहाना बराड़ा मार्ग पर स्थित एक फार्म हाउस में एक तेंदुआ घूमता हुआ देखा गया। इसके बाद ग्रामीणों में दहशत का माहौल बन गया। वन्य जीव प्राणी विभाग की टीम व पुलिस भी सूचना पाकर मौके पर पहुंची। जमीन पर छपे पंजों के निशान देखे, जिसके बाद टीम का कहना था कि यह निशान तेंदुए के नहीं हैं।

मुलाना/अंबाला: सोमवार को सोहाना बराड़ा मार्ग पर स्थित एक फार्म हाउस में एक तेंदुआ घूमता हुआ देखा गया। इसके बाद ग्रामीणों में दहशत का माहौल बन गया। फार्म हाउस पर रह रहे प्रवासी परिवार की सुरक्षा करने के मद्देनजर ग्रामीणों का फार्म हाउस पर जमावड़ा लग गया। ग्रामीण हाथों में लाठियां डंडे लेकर फार्म हाउस पर पहुंचे। गहनता से सर्च अभियान चलाया गया, लेकिन मौके पर कुछ नहीं मिला। वन्य जीव प्राणी विभाग की टीम व पुलिस भी सूचना पाकर मौके पर पहुंची। जमीन पर छपे पंजों के निशान देखे, जिसके बाद टीम का कहना था कि यह निशान तेंदुए के नहीं हैं। टीम ने स्पष्ट किया कि मौके पर मिले निशान किसी कुत्ते के हैं। वहां रहने वाले परिवार के लोग यह मानने को कतई तैयार नहीं है कि उनकी नजर को कोई धोखा हुआ है ।

ग्रामीणों ने अपने स्तर पर चलाया सर्च अभियान

फार्म हाउस में रहने वाले प्रवासी परिवार के लोगों ने कहा कि उन्होंने बाग में तेंदुए को दो बार घूमते हुए देखा। जिसके बाद वह बुरी तरह से डर गए। उन्होंने इस घटना बारे में लोगों को बताया। जिसके बाद मौके पर आसपास के गांवों से ग्रामीण इकट्ठे हो गए। ग्रामीणों ने अपने स्तर पर तेंदुए को सर्च करने का अभियान भी चलाया। ग्रामीण दोपहर तक बाग में पटाखे बजाते रहे और लाठी डंडे हाथों में लेकर तेंदुए को ढूंढते रहे, लेकिन तेंदुए का पता नहीं चल सका। यह फार्म हाउस कई एकड़ में फैला हुआ है। इसके काफी भाग में बाग है। इस फार्म हाउस का अधिकतर हिस्सा जंगल में तब्दील है । उसमें भारी मात्रा में घास व झुंड खड़े हुए हैं। जिसमें अकेले में दाखिल होना खतरे से खाली नहीं है। अब यहां पर परिवार द्वारा तेंदुए को देखे जाने के बाद परिवार डर के साए में है।

तेंदुए के निशान न मिलने से असमंजस की स्थिति

वन्य जीव प्राणी विभाग की टीम को तेंदुए के निशान न पाए जाने से असमंजस की स्थिति बनी हुई है। अब कुछ लोग इस बात को अफवाह लेने लगे है तो कुछ लोगों का मानना है कि कोई न कोई जंगली जानवर तो है जो जंगलों से मैदानी क्षेत्र में उतरा हुआ है । गौरतलब है कि 10 दिनों पहले क्षेत्र में तेंदुए को देखे जाने व एक बच्चे पर हमला होने का पहला मामला गांव ठरवा से सामने आया था। टीम द्वारा मौके का गहनता से निरीक्षण किया गया। पंजों के निशान लिए गए थे। जांच में स्पष्ट हुआ था कि यह निशान कुत्तों के हैं। फिर भी मामले की गम्भीरता को समझते हुए विभाग ने गांव में पिंजरा लगवाया था लेकिन काफी दिन बीत जाने के बाद भी हाथ खाली रहे। उसके बाद गांव नुर्द में तेंदुआ देखे जाने की बात सामने आई, लेकिन मौके पर कुछ नहीं मिला।

गांव ठाकुरपुरा के स्कूल में भी देखा गया तेंदुआ

बीते वीरवार को ठाकुरपुरा गांव के राजकीय स्कूल में तेंदुआ देखे जाने की बात बच्चों व अध्यापकों द्वारा कही गई। मौके पर पहुंची टीम के हाथ यहां भी कुछ नहीं मिला। उस घटना के अगले दिन गांव गोकलगढ़ में तेंदुआ व शावक नजर आने की बात ग्रामीण द्वारा कही गई। टीम मौके पर पहुंची लेकिन यहां भी हाथ खाली रहे। टीम का फिर कहना था कि तेंदुए या जंगली जानवर होने के कोई निशान नहीं मिले। अब ताजा घटनाक्रम सोहाना गांव के एक फार्म हाउस से सामने आया है। यहां रहने वाले लोगों ने बाग में तेंदुआ देखे जाने की बात कही है लेकिन टीम ने कहा कि मौके पर केवल कुत्तों के पंजो के निशान ही मिलें है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे तेंदुए के फेक वीडियो

क्षेत्र में तेंदुआ जंगली क्षेत्र से उतरे जाने की बात के बाद सोशल मीडिया में तेंदुए के अलग-अलग फेक वीडियो वायरल किए जा रहे हैं। किसी वीडियो में हाइवे पर तेंदुए के होने की बात कही जा रही है तो कहीं ट्यूबवेल के कोठे पर बैठा हुए दिखाते हुए उसे क्षेत्र का बताया जा रहा है। इन सभी वायरल वीडियो को जांच टीम फेक बता चुकी है। उनका कहना है कि यह सभी वीडियो पूरी तरह फेक हैं। लोगों में डर व्याप्त हो चुका है। आजकल धान रोपण का कार्य तेजी से चल रहा है। किसान को दिन हो गया रात, उसे खेत पर जाना पड़ रहा है । क्षेत्र में तेंदुआ होने की बात से वह भी भयभीत हैं। खेतों में जाने से डरने लगे है। इसके साथ ही छोटे बच्चों में भी डर व्याप्त है। परिजनों द्वारा छोटे बच्चों के बाहर निकलने पर पाबंदी लगाई हुई है।

मौके पर नहीं मिले तेंदुए के निशान

वन्य जीव प्राणी विभाग के इंस्पेक्टर राकेश कुमार ने बताया कि तेंदुआ देखे जाने की सूचना मिली थी, जिसके बाद टीम मौके पर पहुंची। टीम ने फार्म हाउस के आग में सर्च अभियान भी चलाया, लेकिन मौके पर जो पांवों के निशान मिले, वो किसी कुत्तों के थे । अभी तक क्षेत्र में कहीं भी तेंदुआ होने के कोई निशान नहीं मिले है। लोगों में भय बना हुआ है।

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