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हरियाणा के नूंह में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने दो किन्नरों के साथ मिलकर पति की हत्या करने वाली पत्नी को आजीवन कारावास व 25 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न भरने की सूरत में दोषियों को अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

Nuh: अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमित कुमार शर्मा की अदालत ने पति की हत्या के मामले में पत्नी सहित दो किन्नरों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा अदालत ने दोषियों को 25 हजार रुपए का जुर्माना भरने का आदेश दिया। 2020 में पत्नी ने किन्नरों के संग षड्यंत्र रचकर पुन्हाना शहर में वारदात को अंजाम दिया था। मृतक जगदीश के भाई राजू के बयान पर पुन्हाना शहर चौकी पुलिस ने मृतक की पत्नी सहित करीब एक दर्जन से अधिक आरोपियों के विरुद्ध केस दर्ज किया था।

मृतक जगदीश पुन्हाना में करने आया था मजदूरी

विशेष अभियोजक जगबीर सिंह ने बताया कि जगदीश पत्नी कांता के साथ पुन्हाना में मजदूरी करने के लिए आया था। कांता किन्नरों के लिए खाना बनाने का काम करती थी। एक दिन जगदीश से कांता का विवाद हुआ, जिसके बाद कांता ने किन्नरों के संग मिलकर 2020 में 23 - 24 की दिसंबर की रात जगदीश की हत्या कर दी। मृतक के भाई की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज करते हुए वारदात के दूसरे दिन ही मामले में मुख्य आरोपी मृतक की पत्नी कांता सहित दो किन्नरों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों को कोर्ट में पेश कर नियम अनुसार रिमांड लिया, जिसमें गहनता से पूछताछ की गई। घटनास्थल की निशानदेही कराकर वारदात में प्रयोग चुन्नी और चाकू बरामद किया। इसके अलावा एफएसएल टीम को भी घटनास्थल से विभिन्न साक्ष्य मिले।

पत्नी ने किन्नरों संग मिलकर की पति की हत्या

पुलिस जांच में वारदात को मुख्य रूप से अंजाम देने में मृतक की पत्नी कांता, किन्नर सीमा और काजल निवासी पुन्हाना की मुख्य भूमिका सामने आई। करीब चार साल तक मामले की सुनवाई चली। सभी पक्षों को अदालत में सुना गया। हालांकि आरोपी पक्ष से बचाव के लिए विभिन्न दलीलें दी गई, जिनमें बच्चों के भविष्य और परवरिश को मुख्य रूप से बताया गया। घटनास्थल से बरामद चाकू, चुन्नी और साइंटिफिक आधार पर जुटाए गए सभी सबूतों को मजबूत पैरवी के साथ अदालत में पेश किया गया, जिनके आधार पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमित कुमार शर्मा की अदालत ने अपराध को गंभीर मानते हुए मृतक जगदीश की पत्नी कांता, किन्नर काजल और सीमा को आजीवन कारावास और 25 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई।

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