योगेंद्र शर्मा, Haryana: हरियाणा में मिशन-2024 में फ़तेह पाने को लेकर उम्मीदवारों में सियासी जंग तेज होती जा रही है। पिछली बार राज्य की दस की दस लोकसभा सीटों पर कब्जा करने वाली सत्ताधारी पार्टी भाजपा के सामने इस बार कई तरह की चुनौतियां उठ रही है। कुल मिलाकर प्रमुख नेताओं द्वारा नामांकन किए जाने के साथ ही हरियाणा में मुकाबला रोचक होता जा रहा है। अहम बात यह है कि कांग्रेस की सियासी दिग्गज पूर्व मंत्री सैलजा द्वारा नामांकन के साथ ही साफ हो गया कि सिरसा लोकसभा सुरक्षित सीट पर प्रदेश कांग्रेस के दो पूर्व अध्यक्ष की भिड़ंत होने जा रही है।
लोकसभा चुनावों में भजनलाल व बंसीलाल के परिजनों ने बनाई दूरी
लोकसभा के चुनावों में जहां हरियाणा के दो लाल पूर्व सीएम स्व. चौधरी भजनलाल और पूर्व सीएम स्व. बंसीलाल के परिजनों ने दूरी बना रखी हैं। इसके बड़े कारण हैं कि इस बार चौधरी बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी की टिकट कांग्रेस द्वारा काट दी गई है। इसी तरह कुलदीप बिश्नोई को भी भाजपा ने टिकट नहीं देकर संकेत साफ कर दिए हैं। अब बात तीसरे लाल की करें, तो देश के पूर्व डिप्टी पीएम ताऊ देवीलाल परिवार के तीन सदस्यों के बीच में जहां हिसार में रोचक मुकाबला होने वाला है। वहीं, वक्त और नियति का फेर देखिए कि सियासत में एक ही परिवार के लोग आमने सामने मैदान में उतरे हुए हैं। हिसार सीट से भाजपा ने जहां मंत्री रणजीत सिंह, पूर्व डिप्टी सीएम की मां नैना चौटाला जजपा व इनेलो ने सुनैना चौटाला को मैदान में उतारा हैं।
छह पुराने चेहरों की जगह नए चेहरों पर दांव
सत्ताधारी भाजपा पार्टी द्वारा इस बार लोकसभा के रण में छह चेहरों को बदल दिया है, क्योंकि करनाल सीट पर सांसद संजय भाटिया के स्थान पर खुद पूर्व सीएम मनोहरलाल मैदान में उतरे हैं। इसके अलावा सोनीपत सीट से सांसद रमेश कौशिक की जगह मोहनलाल बडौली, हिसार में बिजेंद्र सिंह के स्थान पर चौधरी रणजीत सिंह, सांसद सुनीता दुग्गल सिरसा के स्थान पर पार्टी ज्वाइन करने वाले डॉ. अशोक तंवर को उतारा है। अंबाला में स्व. रतनलाल कटारिया के स्थान पर उनकी पत्नी बंतो कटारिया चुनाव मैदान में उतरी हैं। कुरुक्षेत्र सीट से वर्तमान सीएम नायब सिंह सैनी सांसद हैं, उनके स्थान पर इस बार प्रमुख उद्योगपति नवीन जिंदल को मैदान में एन वक्त पर उतारा गया है।
नामांकन में भी दिखाई दे रही अलग-अलग गुटों की दूरी
हरियाणा के लोकसभा सियासी रण में भले ही कांग्रेस पार्टी हो या फिर सत्ताधारी भाजपा, दोनों ही पार्टियों में नामांकन के दौरान भी अलग-अलग गुट साफ नजर आ रहे हैं। सिरसा सुरक्षित सीट पर पूर्व मंत्री सैलजा ने नामांकन किया, तो कांग्रेस की गुटबाजी और धड़ेबंदी साफ हो गई, क्योंकि इस नामांकन के दौरान एसआरके गुट के नेता साफ दिखाई दिए। कांग्रेस की बात करें, तो सैलजा के साथ नामांकन कराने के लिए जहां कांग्रेस की नेत्री व विधायक किरण चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे चौधरी बीरेंद्र सिंह के अलावा यहां सैलजा समर्थक ही दिखाई दिए। इस दौरान नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और चौधरी उदयभान ने दूरी बनाए रखी। वहीं, भाजपा प्रत्याशी रणजीत सिंह के नामांकन के मौके पर भी विधायक भव्य बिश्नोई और उनके पिता कुलदीप बिश्नोई ने दूरी बनाए रखी।
सतपाल ब्रह्मचारी के नामांकन में दिखाई दिया भूपेंद्र हुड्डा का दबदबा
सोनीपत में कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी के नामांकन पत्र दाखिल करने के समय पीसीसी अध्यक्ष चौधरी उदयभान और नेता विपक्ष पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुट का दबदबा दिखाई दिया। इस नामांकन से एसआरके गुट ने दूरी बनाकर रखी हुई थी। इसी क्रम में करनाल से प्रत्याशी दिव्यांशु बुद्धिराजा के नामांकन के मौके पर भी नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, चौधरी उदयभान, विधायक शमशेर गोगी मौजूद रहे। इस दौरान बुद्धिराजा ने अपने भाषण में साफ कर दिया कि उनके लिए जो हुड्डा ने किया, उसके वे जिंदगी भर एहसानमंद रहेंगे।