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हरियाणा के रोहतक स्थित महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक ने भारतीय कृषि अनुसंधान (आईसीएआर) के शोध संस्थान राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीई) हिसार के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए। एमडीयू के साथ मिलकर संयुक्त शोध कार्य तथा आपसी संस्थागत सहयोग के तहत काम किया जाएगा।

Rohtak: महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक ने भारतीय कृषि अनुसंधान (आईसीएआर) के शोध संस्थान राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीई) हिसार के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए। एमडीयू कुलपति प्रो. राजबीर सिंह तथा निदेशक एनआरसीई डॉ. टी.के. भट्टाचार्य की उपस्थिति में इस एमओयू समारोह का आयोजन किया। इस एमओयू के तहत एमडीयू तथा एनआरसीई के मध्य संयुक्त शोध, संयुक्त वैज्ञानिक परियोजनाओं, फैकल्टी तथा स्टूडेंट एक्सचेंज, संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

इंटर डिसीप्लिनरी वैज्ञानिक क्षेत्रों में संभावनाएं

एमडीयू कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि आज का युग शैक्षणिक तथा शोध सहभागिता का है। ऐसे में जीव विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी, माइक्रोबायोलोजी समेत अन्य इंटर डिसीप्लिनरी वैज्ञानिक क्षेत्रों में सहभागिता की बेहतरीन संभावनाएं हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि ये एमओयू बायोटैक, न्यू आईआईटी तथा जीव विज्ञान संकाय के प्राध्यापकों तथा शोधार्थियों के लिए प्रभावी शोध के नए अवसर प्रदान करेगा।

पशुओं के क्षेत्र में विवि कर रहा अनेक कार्य

राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान हिसार के निदेशक डॉ. टी.के. भट्टाचार्य ने कहा कि उनके संस्थान में अश्व समेत अन्य पशुओं के स्वास्थ्य, एनिमल प्रोडक्ट्स, वैक्सीनेशन आदि क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य हो रहा है। एमडीयू के साथ मिलकर संयुक्त शोध कार्य तथा आपसी संस्थागत सहयोग के तहत काम किया जाएगा। डीन, एकेडमिक एफेयर्स प्रो. ए.एस. मान, डीन लाइफ साइंसेज प्रो. राजेश धनखड़, डीन, इंजीनियरिंग एण्ड टैक्नोलोजी प्रो. युद्धवीर सिंह, डिप्टी डीन रिसर्च डॉ. के.के. शर्मा ने अपने विचार साझा किए। यूआईईटी बायोटैक की प्राध्यापिका डॉ. मंजीत कौर ने एमओयू के लिए पहल की।

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