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हरियाणा के महेंद्रगढ़ में केंद्रीय विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों और शोधकर्ताओं ने क्रेब एप्पल पर आधारित जेली शीट विकसित की। इस उल्लेखनीय शोध के लिए विश्वविद्यालय को भारत सरकार के पेटेंट नियंत्रक द्वारा पेटेंट से सम्मानित किया गया।

Mahendragarh: हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों और शोधकर्ताओं ने क्रेब एप्पल पर आधारित जेली शीट विकसित की। इस उल्लेखनीय शोध के लिए विश्वविद्यालय को भारत सरकार के पेटेंट नियंत्रक द्वारा पेटेंट से सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने पोषण जीव विज्ञान विभाग में सहायक आचार्य डॉ. अनिता कुमारी और उनकी टीम को इस उपलब्धि के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह नवाचार कृत्रिम मिठास, एडेड फ्लेवर, परिरक्षकों की बढ़ती खपत के परिणामस्वरूप उत्पन्न हो रही स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को कम करने में मददगार साबित होगा।

विवि का उद्देश्य लोगों को जागरूक कर

कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय का उद्देश्य समाज को कम उपयोग वाली फसलों (एनयूसी) के पोषण संबंधी पहलुओं और स्वास्थ्य लाभों के प्रति आमजन को जागरूक करना है। विश्वविद्यालय की रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेल की निदेशक प्रो. नीलम सांगवान व पोषण जीव विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. कांति प्रकाश शर्मा ने शोध के लिए टीम को बधाई दी। विश्वविद्यालय के पोषण जीव विज्ञान विभाग में सहायक आचार्य डॉ. अनिता कुमारी ने बताया कि उनकी टीम में रसायन विज्ञान विभाग के प्रो. हरीश कुमार; पोषण जीवविज्ञान विभाग के सहायक आचार्य डॉ. अश्वनी कुमार, पोषण जीव विज्ञान विभाग की दीपिका और आदर्श कुमार शुक्ला की टीम ने एक स्वस्थ और पौष्टिक खाद्य उत्पाद विकसित करने के लिए अपने प्रयास किए हैं।

क्रेब एप्पल का उपयोग करके बनाई जेली शीट

डॉ. अनिता कुमारी ने बताया कि उनकी टीम ने क्रेब एप्पल का उपयोग करके जेली शीट बनाई है। विकसित उत्पाद में व्यावसायिक रूप से उपलब्ध जेली की तुलना में उनके द्वारा निर्मित जेली अधिक पोष्टिक व स्वादिष्ट हैं। इसमें किसी प्रकार के प्रिजरवेटिव का प्रयोग नहीं किया गया है। क्रेब एप्पल कम उपयोग वाली फसल है, जिसमें विटामिन, खनिज और बायोएक्टिव यौगिक (विशेष रूप से पेक्टिन) भरपूर मात्रा में उपलब्ध है। हमारी टीम द्वारा इस फल को जेली शीट के रूप में अधिक कार्यात्मक और सुविधाजनक उत्पाद में उपयोग करने का प्रयास किया गया।

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