Man Commits Suicide in Rohtak: रोहतक के होटल में व्यक्ति के आत्महत्या करने के बाद उसके 2 पेज का सुसाइड नोट मिला इस सुसाइड नोट में उसने पुलिस कर्मचारी समेत 5 लोगों पर झूठे केस में फंसाने के नाम पर 4 लाख रुपये वसूलने के कारण आत्महत्या करने की बात लिखी है। आरोपियों ने उसके भाई को भी झूठे केस में फंसायाा। सुसाइड नोट में इस केस को दोबारा ओपन करने और रोहतक आईजी से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई है। 26 मार्च की रात को व्यक्ति ने रोहतक-दिल्ली बाईपास स्थित होटल में फंदा लगाकर जान दी थी। वहीं, उसकी पहचान 44 साल के विजय उर्फ काला के रूप में हुई है। कल पुलिस की कार्रवाई से असंतुष्ट परिजनों ने आईजी ऑफिस के बाहर शव रखकर प्रदर्शन किया था और साथ ही उचित कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस ने किया 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज
पुरानी सब्जी मंडी थाना के एसएचओ सुनील कुमार ने बताया कि विजय के लापता होने का मामला पहले ही दर्ज हो चुका है। अब सुसाइड करने के बाद उसमें परिजनों के बयान पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने की धारा जोड़ दी जाएगी। पांचों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करके जांच की जा रही है। जांच में जो भी सामने आएगा उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
विजय के सुसाइड नोट में लिखी कुछ बातें
उसने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि मैं विजय कुमार ब्यान करता हूं कि पुलिस कर्मी जिसका नाम रामधारी है एक दिन जब मैं अपने काम से घर लौट रहा था, तब उसने मुझे गुहाना अड्डे पर रोक लिया और मुझसे बोला तू सट्टा खाईवाली का काम करता है। तू मेरे साथ बाइक पर बैठ, मैंने इनकार किया तो वो बोला तुझ पर पिस्टल और चरस का केस लगाकर 10 साल तक अंदर करवा दूंगा। जैसे तेरा भाई सुरेंद्र जेल में अंदर करवाया था।
मैं डर के मारे उसकी बाइक पर बैठ गया। वह मुझे गौकर्ण पार्क पर ले गया और बोला हर तीन महीने में मुझे 30 हजार रुपए चाहिए। अगर इस बारे में किसी को बोला, तो पिस्टल और चरस का केस लगवाकर अंदर डाल दूंगा। मुझसे कई किश्तों में लगभग 4 लाख रुपये वसूल लिए। वो इतना शातिर था कि उसने कभी फोन का इस्तेमाल नहीं किया। वो एक लोकेशन पर पैसे लेता और तीन महीने बाद दूसरी लोकेशन बताता। इस काम में सोनू, सुरेश, जग्गे व सरदार उर्फ जुड़ी का हाथ बताया गया था। कुछ साल पहले सोनू, जग्गे, सुरेश ने सरदार उर्फ जुड़ी के हाथों मेरे भाई सुरेंद्र की दुकान में 180 ग्राम चरस रखवाई थी। उन्होंने रामधारी, बलराज, सीलकराम व अन्य एक पुलिस कर्मचारी से मिलीभगत करके मेरे भाई को जेल भिजवाया था।
साथ ही उसने न्याय की मांग करते हुए लिखा की अदालत इन्हें कड़ी से कड़ी सजा दे। हमें तो पता भी नहीं था कि मेरे भाई की दुकान पर चरस किसने रखी है। एक झगड़े के दौरान सोनू ने कहा कि चरस हमने रखी थी और तेरा भाई हमने उठवाया था। तुम हमारा क्या कर लोगे। सोनू, जग्गा, सुरेश इनको शक था कि में सट्टा खाईवाली का काम करता हूं। इन्होंने ही रामधारी को बोलेकर मुझसे लगभग 4 लाख रुपये वसूल करवाए हैं। जिससे मेरी पारिवारिक हालत भी खराब हो गई और मुझे आत्महत्या करने के लिए विवश होना पड़ा।