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हरियाणा में कांग्रेस व आप नेताओं के बीच गठबंधन को लेकर कई दिनों से चिंतन चल रहा है, लेकिन अभी तक कुछ ठोस परिणाम सामने नहीं आया है। टिकट बंटवारे को लेकर दोनों के बीच पेंच फंसा हुआ है। अब देखना यह है कि क्या गठबंधन होगा या दोनों पार्टिया अकेले चुनाव लड़ेंगी।

योगेंद्र शर्मा, चंडीगढ़: हरियाणा के विधानसभा चुनावों में गठबंधन को लेकर कांग्रेस और आप नेताओं के बीच पिछले कई दिनों से चिंतन मंथन चल रहा है लेकिन अभी तक कुछ ठोस परिणाम सामने नहीं आया। इस बीच प्रदेश में आप नेताओं संदीप पाठक और अनुराग ढांडा ने यह साफ कर दिया कि आप को कमजोर नहीं समझा जाए, क्योंकि हम सभी 90 सीटों पर लड़ने के लिए तैयार हैं। रविवार देर शाम तक इस पर अंतिम फैसला सामने आने की उम्मीद दोनों ही पार्टियों के नेताओं की बनी हुई है।

कांग्रेस कर रही 4 से 5 सीट ऑफर

सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी की ओर से चार से पांच सीटें ऑफर की जा रहीं हैं लेकिन आप नेताओं द्वारा दर्जनभर सीटों पर नजरें हैं। इतना ही नहीं, कम से कम दस सीटें तो आप नेता मांग ही रहे हैं लेकिन कांग्रेस की ओर से इतनी सीटें दिए जाने से साफ इनकार किया जा रहा है। पिछले कई दिनों से गठबंधन की चर्चा चल रही है लेकिन इसको सिरे चढ़ते नहीं देख आप के वरिष्ठ नेता संदीप पाठक ने साफ कर दिया कि हम प्रदेश के अंदर चुनावों के लिए तैयार हैं। पार्टी पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं को हाईकमान के आदेश का इंतजार हैं।

रविवार तक फैसला होने के संकेत

भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि आप और कांग्रेस के बीच रविवार तक समझौता होने की उम्मीद है। देर शाम तक इस बारे में दोनों ही पार्टियों की ओर से घोषणा की जाएगी। अगर इस पर कोई फैसला नहीं हुआ, तो आप नेता अकेले ही मैदान में जाने की तैयारी कर रहे हैं। डॉ. सुशील गुप्ता प्रदेशाध्यक्ष औऱ संदीप पाठक, अनुराग ढांडा सभी का कहना है कि वे पूरी तरह से तैयार हैं। कांग्रेस और आप पार्टी की वार्ता चल रही है, इसलिए इंतजार कर रहे हैं। बातचीत पूरी हो जाने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।

नहीं हुआ समझौता तो एकला चलो

हरियाणा में कांग्रेस और आप के बीच में समझौता नहीं हुआ, तो आप नेताओं ने एकला चलो की तैयारी भी अभी से कर ली है। इसी क्रम में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस को साफ कर दिया कि वे राज्य की सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी में हैं, इसके लिए हाईकमान की हरिझंडी का इंतजार है। कुल मिलाकर रविवार और सोमवार की सुबह तक इसकी उम्मीद है, इसके बाद कांग्रेस और आप नेता अपना-अपना रास्ता खुद ही तय कर लेंगे।

आप- दिल्ली और पंजाब जैसी मजबूत हरियाणा में नहीं

पंजाब और दिल्ली दो राज्यों में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी हरियाणा में मजबूत नहीं है। लोकसभा और उसके पहले हुए चुनाव में भी उसके हाथ कुछ खास नहीं लगा। यहां पर बता दें कि 2019 के चुनाव में मनोहर सरकार पार्ट-दो ने 40 सीटों पर जीत दर्ज कराई थी। जिसके कारण सरकार बनाने के लिए भाजपा को जजपा से गठबंधन करना पड़ा। लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की पार्टी को बाय-बाय कर दिया। कुल मिलाकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन हुआ तो भाजपा के सामने चुनौती बढ़ जाएगी।

कांग्रेसी पांच लोकसभा सीट मिलने से उत्साहित

लोकसभा में मिली सफलता और 5 सीट जीतने के बाद उत्साहित कांग्रेस के नेता गठबंधन नहीं चाहते, क्योंकि हरियाणा की 90 में से 42 सीटों पर कांग्रेस आगे रही थी। आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन भले ही लोकसभा में बहुत बढ़िया नहीं रहा, उसके बावजूद भी चार सीटों पर आम आदमी पार्टी की बढ़त बनी थी। गठबंधन के हालात में आम आदमी पार्टी का वोट फीसदी कांग्रेस के साथ जोड़कर देखने वालों को विस में भी उम्मीद बंधी है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में गठबंधन हुआ तो पंजाब से लगते इलाकों में भगवंत मान प्रचार के लिए आएंगे।

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