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हरियाणा के जींद में नागरिक अस्पताल में बंदरों का आतंक मचा हुआ है। अस्पताल प्रशासन की तरफ से नगर परिषद को 22वीं बार रिमाइंडर भेजा गया है, लेकिन बंदरों को पकड़ने के लिए कोई कार्रवाई नहीं हो रही।

Jind : जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल को बंदरों से निजात नहीं मिल रही। अस्पताल में बंदरों के आतंक से हर कोई परेशान है। अस्पताल की पुराने व नए भवन में हर समय बंदरों का झुंड रहता है, जिसकी वजह से यहां आने वाले मरीजों को तो परेशानी उठानी पड़ती है। इसके अलावा अस्पताल स्टाफ व बीमार लोगों को तो हर समय यह डर लगा रहता है कि कहीं कोई बंदर काट न ले। समस्या के समाधान को लेकर नगर परिषद की बेरूखी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अस्पताल में बंदरों के आतंक से निजात दिलवाने को लेकर जो पत्र भेजा गया था, उसका 22वीं बार रिमाइंडर भेजा गया, लेकिन अभी तक समाधान नहीं हो पाया।

स्वास्थ्य सुपरवाइजर संघ ने डीसी के नाम लिखा था पत्र

स्वास्थ्य सुपरवाइजर संघ ने डीसी के नाम लिखे शिकायत पत्र में बताया कि अस्पताल में हर जगह बंदरों का झुंड नजर आता है और कई बार मरीजों को बंदर काट कर घायल भी कर चुके हैं। अस्पताल के कंप्यूटर रिकार्डरूम तक में बंदर कई बार घुस चुके हैं और रिकार्ड को खराब कर चुके हैं। समस्या के समाधान को लेकर नगर परिषद के अधिकारियों से कई बार गुहार लगाई, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं किया। उनकी मांग है कि अस्पताल से बंदरों को पकड़ कर बीड़ या किसी दूसरे स्थान पर छोड़ा जाए ताकि लोगों को बंदरों के आतंक से निजात मिल सके। वहीं मरीजों और तीमरदारों द्वारा लाए गए भोजन को बंदर बाइक आदि से निकाल कर ले जाते हैं तो वहीं स्टाफ कर्मियों के बाइक, स्कूटी, गाड़ी को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।

टेंडर किए जारी, वन्य प्राणी नियमों का रखा जाएगा पूरा ध्यान : नैन

नगर परिषद के चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर अनिल नैन ने बताया कि दो हजार बंदरों को पकड़ने के लिए टेंडर जारी किए गए हैं। जो भी फर्म बंदर पकड़ने का कार्य करेगी, उसे वन्य प्राणी नियमों का पूरा ख्याल रखना होगा। क्रूरता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो भी फर्म ठेका लेगी, उसे साफ निर्देश दिए जाएंगे कि बंदरों का पूरा परिवार पकड़ा जाए। उनके परिवार के किसी सदस्य को ना छोड़ा जाए ताकि बंदर अपने परिवार से ना बिछुडे़। जो फर्म शर्त व नियम पूरा करेगी, उसे ठेका दे दिया जाएगा।

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