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हरियाणा में इनेलो के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी के बेटे जितेंद्र ने हाई कोर्ट में वाई श्रेणी सुरक्षा के लिए याचिका दायर की। जितेंद्र राठी ने कोर्ट से अभय सिंह चौटाला के समान सुरक्षा मुहैया करवाने की बात कही है, क्योंकि उनके पिता की हत्या के बाद ही अभय सिंह को सुरक्षा दी गई थी।

Bahadurgarh: इंडियन नेशनल लोकदल के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिवंगत नफे सिंह राठी के बेटे जितेंद्र राठी ने इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला के समान वाई श्रेणी की सुरक्षा की मांग करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जितेंद्र ने दावा किया कि जब अभय सिंह को उनके पिता नफे सिंह राठी की हत्या के मद्देनजर वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई थी, तो उन्हें भी राज्य द्वारा समान सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए। हाई कोर्ट के जस्टिस विकास बहल ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार के वकील को राज्य सरकार से इस मामले में निर्देश प्राप्त करने और 28 मई तक हाई कोर्ट को सूचित करने को कहा है।

सरकार 10 पुलिसकर्मी होने का दावा कर रही, लेकिन 5 कर्मी ही रहते हैं एक समय

नफे सिंह राठी के बेटे जितेंद्र राठी के वकील ने हाई कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने दावा किया है कि याचिकाकर्ता के दिवंगत पिता के परिवार की सुरक्षा में  घर पर दस सुरक्षा कर्मी तैनात हैं, लेकिन वास्तव में एक समय में केवल पांच व्यक्ति ही तैनात होते हैं, क्योंकि उक्त कर्मी रोटेशन के आधार पर आते हैं। कोर्ट को बताया गया कि याचिकाकर्ता के साथ दो सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए है, लेकिन एक समय में केवल एक ही व्यक्ति याचिकाकर्ता के साथ होता है और उक्त दो व्यक्ति भी रोटेशन के आधार पर होते हैं। ऐसे में जितेंद्र ने वाई श्रेणी की सुरक्षा की मांग की।

अभय सिंह चौटाला ने भी अदालत का खटखटाया था दरवाजा

जितेंद्र राठी के वकील ने कहा कि वरिष्ठ इनेलो नेता और ऐलनाबाद विधायक अभय सिंह चौटाला ने उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक याचिका दायर करके अदालत का दरवाजा खटखटाया था। अभय सिंह चौटाला द्वारा ली गई मुख्य दलीलों में से एक यह थी कि वह इनेलो से संबंधित हैं और याचिकाकर्ता के पिता उक्त पार्टी के अध्यक्ष थे। उनकी दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी और उक्त दावों पर विचार करने के बाद, राज्य ने उन्हें वाई प्लस सुरक्षा प्रदान की थी। जिसमें सुरक्षा अधिकारियों को एके-47 हथियार दिए गए थे। राठी के वकील ने हाई कोर्ट से कहा था कि याचिकाकर्ता के पिता की हत्या हुई थी और याचिकाकर्ता को धमकियां भी मिल रही थी, इसलिए समानता के आधार पर याचिकाकर्ता को वाई प्लस सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।

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