Narnaul: शहर के नजदीक गांव धरसूं स्थित बाबा हमजापीर की दरगाह पर आने वाले चंदे को लेकर इन दिनों ग्रामीणों में विवाद गहराया हुआ है। हालांकि प्रशासन ने इस पर तहसीलदार को प्रशासक नियुक्त किया हुआ है, लेकिन प्रशासक केवल दानपात्रों तक ही सीमित हैं, जबकि ग्रामीण इसके ऊपरी चढ़ावे पर नजर गड़ाए बैठे हैं। आजकल इसी चढ़ावे को लेकर ग्रामीणों में घमासान मचा हुआ है। इसी विवाद को लेकर मंगलवार को ग्रामीण महिला सरपंच रविता देवी के नेतृत्व में एकजुट होकर जिला मुख्यालय पहुंचे तथा सदर थाना एसएचओ से लेकर एसपी तक मुलाकात की और मदद की गुहार लगाई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।
गांव में बरसो से बनी हुई है दरगाह
गांव की सरपंच रविता ने बताया कि गांव में बरसों से हमजापुर की दरगाह बनी हुई है। यह दरगाह लोगों की आस्था का केंद्र बनी हुई है। पहले इस पर ग्राम पंचायत का ही नियंत्रण होता था और चंदा यानि दान भी कम ही आता था, लेकिन पिछले कुछ दशकों से इसके दान में भारी बढ़ोतरी हो गई तथा यह कई लाखों में पहुंच गया। जिस पर ग्रामीणों ने इसके ट्रस्ट का गठन किया, लेकिन बाद में इस ट्रस्ट को भी भंग कर दिया गया तथा कमान प्रशासक के हाथों में सौंप दी गई। प्रशासक फिलहाल तहसीलदार को बनाया हुआ है तथा इसमें गांव के नंबरदार एवं कुछ लोग इसके सदस्य हैं, जिनकी देखरेख में दानपात्रों को खोला जाता है तथा इसका पैसा खजाने में जमा करवा दिया जाता है। लेकिन इसके अलावा भी काफी चंदा यानि चढ़ावा आता है।
चढ़ावे के तौर पर चढ़ती हैं चादर व बकरे
ग्रामीणों ने बताया कि हमजापीर दरगाह पर लोग चढ़ावे के तौर पर बकरे चढ़ाते हैं तो कई लोग चद्दर चढ़ाते हैं। कुछ नगदी भी दे जाते हैं तो कई गुप्त दान भी कर देते हैं, जिसका कोई लेखा-जोखा नहीं होता। प्रशासक तहसीलदार केवल दानपात्रों तक ही सीमित रहते हैं, लेकिन ऊपरी चढ़ावे पर कोई नियंत्रण नहीं रखते। इसी ऊपरी चढ़ावे को लेकर ग्रामीणों में विवाद गहराया हुआ है। गांव के ही कुछ लोग हमजापीर पर मनमाने ढंग से बैठ जाते हैं तथा ऊपरी चढ़ावे पर नजर रखते हैं। इसी चंदे को लेकर इन दिनों ग्रामीणों में विवाद एवं तनाव की स्थिति बनी हुई है तथा यह तनाव कभी भी संगीन मोड़ ले सकता है। कई लोगों ने गुंडागर्दी मचा रखी है तथा गुंडा तत्वों के बल पर हमजापीर पर अपना कब्जा जमाना चाहते हैं। इन गुंडा तत्वों के कारण पूरे गांव का माहौल खराब हो रहा है।
सरपंच ने लगाया धमकी देने का आरोप
सरपंच रविता की ओर से एसएचओ को दी गई लिखित शिकायत में आरोप लगाया कि 29 जनवरी को कुलदीप एवं विशाल गाड़ी से आए तथा उसे जान से मारने की धमकी दी। इतना ही नहीं, उन्होंने हनुमान मंदिर के पास सत्संग कर रही महिलाओं पर गाड़ी चढ़ाने की भी कोशिश की, जिससे ग्रामीणों में रोष बना हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि ये लोग गुंडा तत्वों को बुलाकर ग्रामीणों को धमकी दिला रहे हैं तथा इनसे उनको जान का भी खतरा बना हुआ है। इसलिए इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
सरकारी कर्मचारी लगाने की मांग
ग्रामीणों ने मांग की कि जिला प्रशासन पीर पर प्रशासक के साथ-साथ दो और कर्मचारी नियमित रूप से लगाए। पीर पर आने वाले ऊपरी चढ़ावे का नियंत्रण उन्हीं कर्मचारियों को दिया जाए। पीर के सारे चंदे यानि दान पर पूर्ण रूप से प्रशासन एवं सरकार का नियंत्रण होना चाहिए, ताकि ग्रामीणों में बना विवाद खत्म हो सके।
कार्रवाई नहीं करने का आरोप
ग्रामीणों ने प्रशासन एवं पुलिस पर आरोप लगाया कि वह बार-बार पीर के विवाद की शिकायत करते आ रहे हैं, लेकिन पुलिस एवं प्रशासन इस तरफ गंभीरता से ध्यान नहीं दे रहे तथा न ही पीर के दान का निपटारा किया जा रहा। ग्रामीण बार-बार प्रशासन एवं पुलिस के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर टस से मस होने का नाम नहीं लिया जा रहा।