Narnaul: राजस्थान की ओर से भटक कर नायन अरावली में पहुंचे तेंदुए से ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है। ग्रामीणों की सूचना के बाद विभागीय कर्मियों ने इसकी तलाश शुरू कर दी है। वाइल्ड लाइफ व वन विभाग के कर्मचारियों ने ग्रामीणों को अभी अरावली पहाड़ी की ओर नहीं जाने की सलाह दी है। टीम तेंदुए की तलाश कर रही है, ताकि लोगों को राहत मिल सके।
माता मंदिर के पास नजर आया तेंदुआ
नायन गांव के ग्रामीणों ने बताया कि नायन गांव के साथ लगती अरावली पहाड़ी राजस्थान के तसींग तक फैली हुई है। इसके साथ ही घना वन क्षेत्र है। कुछ ग्रामीणों को अरावली में स्थित माता मंदिर के पास एक बार फिर तेंदुआ नजर आया। बाद में मंदिर के महाराज शंकर गिरी ने भी तेंदुए को देखा। ग्रामीणों ने इससे वाइल्ड लाइफ विभाग को अवगत करवाया। ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर पहुंची विभागीय टीम ने तेंदुए की खोजबीन शुरू की, लेकिन इसके बाद टीम को तेंदुआ नजर नहीं आया। किंतु विभागीय टीम तेंदुए को लेकर अलर्ट है।
जंगल में पिंजरा रखने के लिए विभाग को लेनी होगी अनुमति
वाइल्ड लाइफ विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों को अगले चार-पांच दिनों तक अरावली पर पशुधन के साथ नहीं जाने की सलाह दी। वाइल्डलाइफ के गार्ड लोकेश ने बताया कि जंगल में पिंजरा रखना संभावित नहीं है। इसकी अनुमति ऊपर से लेनी पड़ती है। उन्होंने तेंदुए की काफी खोजबीन की है, परंतु तेंदुआ कहीं नजर नहीं आया। अरावली क्षेत्र एरिया बड़ा होने से तेंदुए के वापस राजस्थान अरावली की ओर लौटने की भी संभावना है। राजस्थान की ओर से भटक कर ही तेंदुआ नायन अरावली में आया होगा।
रेवाड़ी में कई बार देखा गया बाघ
अलवर के सरिस्का जंगल से एक बाघ पड़ोसी जिला रेवाड़ी के खेतों में गत दस दिनों से कई बार दिखाई दे चुका है और इससे वहां के ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है। अब नायन में नजर आए तेंदुए से ग्रामीणों का यही हाल है। बीती गर्मी टहला-मुकुंदपुरा में दो तेंदुओं को पिंजरे में कैद भी किया जा चुका है। नायन गांव में पिछले साल मृत अवस्था में तेंदुआ मिला था। इसी प्रकार गांव शहबाजपुर में दो शावकों के साथ तेंदुए का जोड़ा देखा गया था। मगर कई महीनों से यह नजर नहीं आ रहे, लेकिन अब कड़ाके की ठंड में यह पुन: दिखाई देने लगे हैं।