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हरियाणा के जींद में 45 प्राइवेट स्कूल बिना फायर एनओसी के चल रहे हैं। इसका खुलासा आरटीआई से मिली जानकारी में हुआ। स्कूलों में अगर कोई घटना हुई तो बच्चों के बचने का कोई विकल्प नहीं है।

Jind: बच्चों की सुरक्षा को लेकर जहां सरकार चिंतित नजर आ रही है, वहीं प्राइवेट स्कूल बच्चों की सुरक्षा को लेकर ठेंगा दिखा रहे हैं। आरटीआई में मांगी गई सूचना में खुलासा हुआ कि जींद जिले में 45 प्राइवेट स्कूल बिना फायर एनओसी के ही चल रहे हैं, जबकि सरकारी स्कूलों ने भी हरियाणा अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं जींद से कोई एनओसी नहीं ली है। ऐसे में अगर स्कूल के अंदर आगजनी जैसी कोई घटना होती है तो उससे बचने के लिए स्कूलों में कोई प्रबंध नहीं है। बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा।

निजी स्कूलों को फायर एनओसी देने के बारे लगाई थी आरटीआई 

दरअसल स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन भिवानी के संस्थापक सदस्य बृजपाल सिंह परमार एवं जींद के सामाजिक कार्यकर्ता अशोक मित्तल ने हरियाणा अग्निशमन एवं आपात कालीन सेवाएं जींद से निजी स्कूलों को फायर एनओसी दिए जाने संबंधी जानकारी जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी थी। 22 जून 2023 को मांगी गई आरटीआई की विभाग ने कोई सूचना नहीं दी। इसके बाद 10 अगस्त को प्रथम अपील जिला नगर आयुक्त एवं एडीसी जींद से की गई लेकिन जिला नगर आयुक्त ने भी कोई सूचना मुहैया नहीं कराई। इसके बाद 27 सितंबर 2023 को राज्य सूचना आयोग के समक्ष अपील की गई।

अग्निशमन विभाग से मिली जानकारी में हुआ खुलासा

सूचना आयोग ने 29 जनवरी 2024 को जींद हरियाणा अग्निशमन एवं आपात कालीन सेवाएं विभाग के डायरेक्टर जरनल को सूचना देने के आदेश दिए। इसके बाद 9 फरवरी को हरियाणा अग्निशमन एवं आपात कालीन सेवाएं विभाग ने सूचना मुहैया कराई। जिसमें खुलासा हुआ कि जींद के 55 निजी स्कूलों में से सिर्फ 10 निजी स्कूलों ने फायर एनओसी ली है। जबकि निजी स्कूलों को हरियाणा एजुकेशन रूल के नियम 31 के तहत फायर एनओसी लेनी अनिवार्य है। नियमों के अनुसार निजी स्कूलों को ग्रुप सी की फायर एनओसी लेना अनिवार्य है। मगर नियमों को ताक पर रखकर 10 स्कूलों को कमर्शियल यानी दुकानों की एनओसी दे दी गई है। जबकि सरकारी स्कूलों द्वारा विभाग से कोई फायर एनओसी नहीं ली गई है।

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