Logo
गृह मंत्री अनिल विज ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि गृह विभाग के एसीएस टीवीएसएन प्रसाद की ओर से रिपोर्ट आने के बाद में उसका अध्ययन किया गया औऱ जांच अधिकारियों को लेकर आई रिपोर्ट की श्रेणियां तैयार कर ली गई हैं

चंडीगढ़।  आखिरकार हरियाणा पुलिस विभाग में 99 जांच अधिकारियों पर गाज गिरने के बाद अब पूरे मामले में नया पेंच फंस गया है। कुछ पुलिस अफसरों द्वारा मामले में लीपापोती से नाराज हुए गृह मंत्री अनिल विज ने पूरे मामले में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को जांच करने के आदेश दे दिए हैं।

विज का कहना है कि पूरे मामले में उन्हें खुद और सरकार को गुमराह करने का प्रयास किया गया है। मामले में लीपापोती करने व बाकी को निलंबित नहीं करने की बात से विज नाराज हो गए हैं। गृह मंत्री अनिल विज ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि गृह विभाग के एसीएस टीवीएसएन प्रसाद की ओर से रिपोर्ट आने के बाद में उसका अध्ययन किया गया औऱ जांच अधिकारियों को लेकर आई रिपोर्ट की श्रेणियां तैयार कर ली गई हैं। सूत्र बताते हैं कि आला अफसर 99 के बाद में बाकी पर कार्रवाई करने के मूड में नहीं हैं। पहले भी तत्कालीन डीजीपी द्वारा सूची तैयार कर 32 से ज्यादा जांच अधिकारियों में 372 के जवाब से संतुष्ट नहीं होने और रिमाइंडर के बाद भी कार्रवाई नहीं करने की बात कही थी।

कुल मिलाकर हरियाणा पुलिस में 372 जांच अधिकारियों के निलंबन मामला नए मोड पर आ गया है। गृहमंत्री ने पुलिस अफसरों द्वारा तैयार रिपोर्ट पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उनका तर्क था कि जब 99 का कसूर था, तो सूची में 372 नाम क्यों दिए गए, साथ ही इस बारे में पहले स्थिति क्यों नहीं साफ की गई।

रिपोर्ट और तथ्यों को बदलकर गुमराह किया

सूत्र बताते हैं कि बैठक के दौरान गृहमंत्री विज ने पुलिस अफसरों से 372 जांच अधिकारियों के निलंबन मामले में कार्रवाई आगे बढ़ाने को लेकर सवाल किया था। इस पर जवाब मिला की, 99 ही लापरवाह थे। विज ने इस पर कहा कि रिपोर्ट और तथ्यों को बदलकर गृह मंत्री व सरकार को गुमराह किया जा रहा है. यह बेहद ही गंभीर बात है। रिपोर्ट मिसलीड करने वाली है।

एक बार फिर से बढ़ी लापरवाह अफसरों की टेंशन

अनिल विज के सख्त रुख से अफसरों की टेंशन बढ़ चुकी है। विज ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं, जिसके बाद में अब इस पूरे मामले में लापरवाह पुलिस अफसरों की टेंशन बढ़ गई है, साथ ही आने वाले दिनों में कार्रवाई आगे बढ़ाना पुलिस अफसरों की मजबूरी होगी वर्ना पूरे मामले में कईं जिलों के कप्तानों पर भी शिकंजा कसे जाने की तैयार

5379487