Nirmal Singh joins Congress: हरियाणा के पूर्व मंत्री निर्मल सिंह और उनकी बेटी चित्रा सरवारा ने आम आदमी पार्टी का दामन छोड़ दिया है। उन्होंने आज 5 जनवरी को दिल्ली में हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदय भान की मौजूदगी में कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। इस मौके पर सीएलपी नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा और सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी मौजूद रहे। बता दें कि पूर्व मंत्री निर्मल सिंह का उत्तर हरियाणा में बड़ा नाम है। निर्मल सिंह को भूपेंद्र हुड्डा का करीबी माना जाता है। कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करने के बाद निर्मल सिंह ने कहा कि आज मैं अपने घर वापस आया हूं। यह मेरे लिए बहुत खुशी की बात है। मैं कांग्रेस के नेतृत्व का बहुत आभारी हूं।
#WATCH | Delhi | AAP leaders Nirmal Singh Mohra and Chitra Sarwara joined Congress in the presence of Haryana Congress incharge Deepak Babaria and State Congress president Udai Bhan.
— ANI (@ANI) January 5, 2024
CLP leader Bhupinder Singh Hooda and MP Deepender Singh Hooda were also present. pic.twitter.com/XbAkQyCgu3
हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदय भान ने दी बधाई
वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदय भान ने कहा कि आज का दिन हरियाणा कांग्रेस कमेटी के लिए बहुत ही ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के वरिष्ठ नेता निर्मल सिंह जो शुरू से ही कांग्रेस में रहे और विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दी, आज वे पुनः कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि इसी के साथ बहन चित्रा सरवारा और आम आदमी पार्टी के 256 पदाधिकारी भी कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए हैं। उन सभी लोगों का मैं दिल से धन्यवाद देता हूं।
निर्मल सिंह ने कांग्रेस से ही की थी राजनीतिक सफर की शुरुआत
बता दें कि पूर्व मंत्री निर्मल सिंह ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत कांग्रेस से ही की थी। वे साल 1982, 1991, 1996 और 2005 में नागंल विधानसभा से विधायक चुने गए और कई बार मंत्री भी रहे। निर्मल सिंह साल 1976 से 1978 तक वे ब्लॉक युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। 1978 से 1980 तक वे युवा कांग्रेस अंबाला के जिला प्रधान रहे। साल 1980 में वे युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव भी बने। 1982 से लेकर 1989 तक रिकार्ड सात वर्षों तक निर्मल सिंह युवा कांग्रेस हरियाणा के प्रधान भी रहे। महज 33 साल की उम्र में साल 1986 में निर्मल सिंह कैबिनेट मंत्री बने। 1987 से 1989 तक वे हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे, जबकि 2000 से लेकर 2005 तक वे जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे। निर्मल सिंह हत्या के केस में साल 1994 में जेल भी गए थे। इस दौरान उन्हें करीब ढाई साल तक जेल में ही रहना पड़ा। जेल ही उन्होंने निर्विरोध प्रत्याशी के तौर पर नागंल विधानसभा सीट से चुनाव में ताल ठोंकी और ऐतिहासिक जीत हासिल की थी।
2018 में बेटी चित्रा सरवारा को सौंपी सियासी विरासत
1999 में निर्मल सिंह ने फिर से कांग्रेस में वापसी की। 2005 में निर्मल सिंह फिर वे विधायक चुने गए। 2005 के चुनाव के बाद हुए परिसीमन के बाद निर्मल सिंह का हलका बदल गया। उन्होंने 2009 का चुनाव अंबाला कैंट से लड़ा। 2018 में उन्होंने अपनी सियासी विरासत अपनी बेटी चित्रा सरवारा को दे दी। हालांकि, चित्रा सरवारा ने साल 2013 में सियासत में ही कदम रखी थी और 2013 में उन्होंने पहला चुनाव लड़ा और नगर निगम का चुनाव जीता। चित्रा सरवारा अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की महासचिव रही हैं। महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय सोशल मीडिया इंचार्ज रह चुकी हैं। 2017 में उन्हें ऑल इंडिया महिला कांग्रेस का सोशल मीडिया इंचार्ज भी बनाया गया था। लेकिन चित्रा सरवारा ने साल 2022 में कांग्रेस का हाथ छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गई थी। दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने अपने निवास पर दोनों को पार्टी में शामिल किया था। अब फिर से उन्होंने कांग्रेस के हाथ मिला लिया है। चित्रा सरवारा ने कांग्रेस का हाथ थामने के बाद कहा कि आज पूरे देश में अगर BJP और उनकी ताकतों को कोई चुनौती दे रहा है तो वह राहुल गांधी जी हैं। हम कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व और युवा साथियों के साथ एक नई ऊर्जा लिए सशक्त लड़ाई लड़ेंगे। बता दें सर्दी के मौसम में हरियाणा में सियासी गर्मी बढ़ गई है।
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