योगेंद्र शर्मा, हरियाणा: आखिरकार एक दिन पहले शनिवार को देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने लोकसभा 2024 की तारीखों का ऐलान कर दिया, इसके साथ ही सूबे में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई। एक दिन पहले तक शनिवार को चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले मंत्रीमंडल विस्तार की तैयारी थी, लेकिन इसे टाल दिया गया। आचार संहिता के दौरान मंत्रीमंडल का विस्तार हो सकता है या नहीं, इस बारे में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी भी असमंजस में हैं। उनका कहना है कि इस बारे में स्पष्ट नहीं है, सरकार की ओर से इस तरह की कोई प्रार्थना भेजी जाती है, तो उसको देश के मुख्य चुनाव आयुक्त के पास भेजकर दिशा निर्देश लिए जाएंगे।
राजभवन में गत दिवस बनी रही असमंजस की स्थिति
यहां बता दें कि हरियाणा में मनोहर लाल (बतौर मुख्यमंत्री) इस्तीफा दे चुके हैं। उन्होंने सीएम पद से ही नहीं विधानसभा सीट से भी इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद से सूबे की कमान मनोहर लाल के करीबी नायब सैनी के हाथों में हैं, जिन्होंने अपने साथ पांच मंत्रियों को शपथ दिला दी। इसके बाद से एक बार फिर दूसरे मंत्रीमंडल विस्तार की चर्चा तेज हो रही हैं। एक दिन पहले भी शनिवार को दिनभर राजभवन हरियाणा में अंदर और बाहर हलचल रही, लेकिन विस्तार को अचानक ही टाल दिया गया।
आचार संहिता में नहीं स्पष्ट निर्देश
हरियाणा के निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल ने कहा कि इस बारे में उन्होंने आदर्श आचार संहिता को बहुत ही अच्छी तरह से अध्ययन किया है, लेकिन स्पष्ट नहीं है। हमारे पास अभी तक सरकार की ओर से कोई प्रतिवेदन नहीं आया है। जब प्रतिवेदन आएगा, तो इस तरह के मामले में हम देश के मुख्य चुनाव आयुक्त के पास भेजकर दिशा निर्देश लेंगे। लेकिन अभी तक इस बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं हैं।
सरकार के सामने विकल्प
सरकार के सामने इस तरह के हालात में विकल्प खुला हुआ है। जब नियमों में कुछ स्पष्ट ही नहीं, तो सरकार मंत्रीमंडल का विस्तार किसी भी वक्त बिना परमिशन के कर सकती है। दूसरा विकल्प यह भी है कि इस बारे में लिखित में आवेदन कर दिशा ली जा सकती है अर्थात परमिशन लेकर भी सरकार मंत्रीमंडल का विस्तार कर सकती है।
शांतिपूर्ण चुनाव के लिए मांगी 200 कंपनियां
प्रदेश के डीजीपी ने एसीएस होम विभाग को लिखित में आवेदन भेजकर शांतिपूर्ण तरीके से लोकसभा 2024 का चुनाव कराने के लिए 200 कंपनी मांगी हैं। इस बारे में राज्य निर्वाचन आय़ोग की ओर से देश के मुख्य चुनाव आयुक्त को भेजा जाएगा। फिलहाल, 15 कंपनी राज्य को दी जा चुकी हैं। यहां पर यह भी बता दें कि पिछली बार चुनावों में डिमांड जो भी रही हो, लेकिन 95 कंपनी राज्य को दी गई थी। इस बारे ज्यादा डिमांड क्यों की जा रही है ? इस बारे में अनुराग अग्रवाल ने कहा कि डिमांड, तो हर बार ही ज्यादा की जाती रही लेकिन केंद्र के अपने पैरामीटर हैं, साथ ही केंद्र का होम विभाग इस पर अंतिम फैसला लेगा।
पर्यवेक्षक नामांकन के ठीक दो दिन पहले
अनुराग अग्रवाल ने राज्य में पर्यवेक्षकों की तैनाती को लेकर कहा कि यह नामांकन के एक दो दिन पहले की जाती है। इसके लिए हम होमवर्क कर चुके हैं, इसलिए समय रहते इनकी नियुक्ति कर दी जाएगी। प्रत्याशियों के खर्चे की गिनती भी नामांकन के दिन से की जाती है। लोकसभा के चुनावों में 95 लाख तक सीमा है, इसमें सियासी पार्टियों के नेताओं की बैठक लेकर सभी तरह के दिशा निर्देशों के बारे में बता दिया गया है।