Nuh : नूंह में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय कुमार वर्मा की अदालत ने तीन रोहिंग्या को बांग्लादेश से लड़कियों की तसकरी करने व उनके साथ दुष्कर्म करने के मामले में दस-दस साल के कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दोषियों पर दस-दस हजार रुपए जुर्माना लगाया गया। अदालत ने तीनों को दो लड़कियों को तस्करी कर बांग्लादेश से मिजोरम व कोलकाता के रास्ते से अवैध रूप से भारत में प्रवेश कराने, दुष्कर्म और अवैध रूप से बेचने के आरोप में दोषी ठहराया था।
नवंबर 2021 में थाने में दर्ज हुई थी शिकायत
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय कुमार की अदालत के उपजिला न्यायावादी प्रताप सिंह ने बताया कि नवंबर 2021 में नूंह शहर थाना पुलिस को सूचना मिली कि बांग्लादेश की दो नाबालिग लड़कियों को अवैध रूप से मिजोरम व कोलकाता के रास्ते भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने के बाद पहले दिल्ली लाया गया। जिसमें शाहपुर नांगली नूंह रोहिंग्या बस्ती के रहने वाले कुछ लोगों की भूमिका है। दोनों बांग्लादेशी लड़कियों को घासेड़ा गांव में पांच दिन से मकान में छुपा कर रखा है। जिन्हें 70 हजार रुपए के हिसाब से कश्मीर में बेचे जाने की सौदेबाजी भी हुई है। इसके अलावा हैदराबाद रोहिंग्या कैंप में भी बेचने की बात सामने आई। इस सूचना पर पुलिस के सहयोग से बाल कल्याण समिति द्वारा लड़कियों को बरामद किया गया। बरामद लड़कियों को तावडू दीपालया अनाथ आश्रम में भेज दिया गया।
पुलिस ने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के मामले में दर्ज किया केस
पुलिस ने इस संदर्भ में अवैध रूप से मानव तस्करी, शारीरिक यौन शोषण के साथ-साथ राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में बड़ी वारदात को अंजाम देने का शक जाहिर करते हुए केस दर्ज किया। नूंह सीआईए ने जांच शुरू करते हुए 2021 दिसंबर माह में आरोपी मोहम्मद अय्यास रोहिंग्या निवासी बस्ती वार्ड नंबर सात नूंह को गिरफ्तार किया। इसी तरह आरोपी मोहम्मद यूनुस और हाफिज अहमद निवासी रोहिंग्या बस्ती शाहपुर नांगली वार्ड नंबर सात को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के दौरान ही सभी से कुछ दस्तावेज बरामद किए गए। रिमांड अवधि के दौरान तीनों ने पूछताछ में अपना जुर्म स्वीकार किया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए जुटाए साक्ष्य
उपजिला न्यायाधवादी ने बताया कि पुलिस के सहयोग से इस गंभीर मामले से जुड़े सभी जरूरी साक्ष्य जुटाए गए। सिलसिलेवार तरीके से सुनवाई के दौरान अदालत में सभी साक्ष्यों को रख मजबूती से पैरवी की गई। करीब तीन साल तक मामले की सुनवाई हुई। बीते सोमवार को तीनों को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय कुमार वर्मा की अदालत ने दोषी करार दिया तो मंगलवार को दस दस साल कैद की सजा और तीनों पर दस- दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया। जुर्माना नहीं भरने पर दोषियों को एक-एक साल अतिरिक्त जेल में काटने होंगे।
नाबालिग से दुष्कर्म करने के जुर्म में दोषी को 20 साल का कारावास
जींद में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. चंद्रहास की अदालत ने नाबालिग लड़की का अपहरण कर दुष्कर्म करने के जुर्म में दोषी को बीस साल का कारावास तथा तीस हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न भरने की सूरत में दोषी को दो साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।