Nuh: सदर थाने के अंतर्गत एक गांव में मई 2020 में नाबालिग को अगवा कर दुष्कर्म करने के मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नरेंद्र पाल की अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया। आदालत ने दोषी को 20 वर्ष की कैद और बीस हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना नहीं भरने की सूरत में दोषी को छह महीने की अतिरिक्त जेल काटनी होगी। दोषी को सजा मिलने के बाद पीड़ित परिवार संतुष्ट नजर आया।
फास्ट ट्रैक कोर्ट में चला केस
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नरेंद्र पाल की अदालत व फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट के विशेष अभियोजक आकाश तंवर ने बताया कि मई 2020 में तावडू उपमंडल के एक गांव में घर से नाबालिग लड़की को अगवा कर पहाड़ी क्षेत्र में ले जाकर दुष्कर्म किया गया। सदर थाना पुलिस ने चार नामजद आरोपियों सहित पांच के विरुद्ध केस दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस ने जांच के दौरान तीन आरोपियों को निकाल दिया, जबकि एक आरोपी को सबूत के अभाव में कोर्ट ने बरी कर दिया। वहीं मुख्य आरोपी जुबैर की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने घटनास्थल की निशानदेही कराते हुए विभिन्न प्रकार से साक्ष्य जुटाना शुरू किया।
4 साल के लंबे इंतजार के बाद पीड़िता को मिला न्याय
विशेष अभियोजक ने बताया कि पीड़िता के बयानों के आधार पर मामले में करीब चार साल तक लंबी सुनवाई हुई। इस दौरान सभी प्रकार के जरूरी साक्ष्य जुटाए गए, जिनके आधार पर विशेष अदालत में मजबूती से पैरवी हुई। पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट और साइंटिफिक आधार पर पुलिस के सहयोग से जुटाए गए विभिन्न साक्ष्यों को अदालत ने मुख्य सबूत माना। फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने आरोपी जुबेर को दोषी करार देते हुए 20 साल की सजा के साथ-साथ बीस हजार रुपए का जुर्माना भरने की सजा सुनाई। जुर्माना नहीं भरने की सूरत में दोषी को 6 महीने अतिरिक्त सजा काटनी होगी।