योगेंद्र शर्मा, चंडीगढ़: प्रदेश के अंदर शिक्षकों की तर्ज पर अब डॉक्टरों की भी ऑनलाइन ट्रांसफर (Online Transfer) नीति के तहत बड़े बदलाव की तैयारी है। पूर्व में तत्कालीन मंत्री अनिल विज के समय में भी तबादले किए गए और बड़ी खामियां होने के कारण दो दिनों के भीतर वापस लेना पड़ा था। इस बार भी हरियाणा सिविल मेडिकल एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही प्रदेश की स्वास्थ्य मंत्री और अतिरिक्त मुख्य सचिव से मिलकर इस पर चर्चा करेगा। इस बार इस क्रम में एक कमेटी का गठन किया गया है। उसके बाद भी प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जल्द से जल्द ऑनलाइन तबादला नीति लागू करने को कहा है।
फूंक फूंक कर कदम रख रहे अधिकारी
ऑनलाइन तबादलों को लेकर अफसरशाही फूंक फूंक कर कदम रख रही है, क्योंकि वर्ष 2016 में भी ऑनलाइन तबादले किए गए थे, जिसमें भारी कमियां होने के कारण तत्कालीन मंत्री अनिल विज ने इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी। यहां पर याद दिला दें कि उस वक्त विभाग ने लगभग 475 डॉक्टरों का ऑनलाइन तबादला कर दिया था। जिसमें भारी कमियां थी, इस कारण डॉक्टरों व परिवारों ने तुरंत सरकार से गुहार लगाई थी। बाद में स्वास्थ्य विभाग की बैठक लेकर विज ने तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी।
ब्योरा अपलोड करने में हुई थी गड़बड़ी
तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister) ने डेटा अपलोड में अनियमितताओं को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए जांच के आदेश दिए थे। बाद में जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई भी हुई। कपल केस यानी एक ही अस्पताल में काम करने वाले पति पत्नी का ब्योरा भी ठीक नहीं दिया और गलत तबादले हो गए थे। एक बार फिर से डॉक्टरों के तबादले को लेकर तीन अफसरों की कमेटी का गठन हुआ है। कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट देगी। कमेटी अन्य प्रदेशों में इस तरह की व्यवस्था का अध्ययन करेगी औऱ वहां की पालिसी मंगाने का काम करेगी। जहां पर डॉक्टरों के ऑनलाइन तबादले की व्यवस्था है, वहां तबादलों की प्रक्रिया को समझने का काम करेगी।
एसोसिएशन पदाधिकारी जल्द मंत्री से करेंगे मुलाकात
हरियाणा सिविल मेडिकल एसोसिएशन (Haryana Civil Medical Association) के प्रदेशाध्यक्ष डॉक्टर राजेश ख्यालिया, महासचिव अनिल यादव ने बताया कि जल्द ही अपनी मांगों को लेकर मंत्री और एसीएस से मिलेंगे। ऑनलाइन तबादले की मुहिम के बारे में उन्हें अभी तक कुछ नहीं बताया गया है। इस बारे में अफसरों से चर्चा करेंगे, क्योंकि पहले भी फीडबैक और सुझाव के अभाव में बड़ी खामियां रह जाने के कारण एक सप्ताह के अंदर ही कई साल पहले इसे वापस ले लिया गया था।