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हरियाणा में पंचकूला के सात गांवों की जमीन का सौदा इंतकाल दर्ज होने से पहले ही 11 करोड़ में हो गया था। अंबाला मंडलायुक्त के आईएएस पति व के नाम जुड़ गए हैं। आईएएस पी अमनीत कुमार की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है तथा रजिस्ट्री पर पहले ही लग चुकी है रोक।

Panchkula surplus land case।पंचकूला में सात गांवों में सरप्लस जमीन हथियाने की राज अब परत दर परत खुलने शुरू हो गए हैं। भू माफियाओं ने प्रदेश के रसूखदार व्यक्तियों व आईएएस अफसरों के साथ मिलकर करोड़ों रुपये की जमीन को सस्ती दरों पर हथियाने का खेल खेला था। अंबाला मंडलायुक्त द्वारा इंतकाल पर 21 साल से लगा स्टे हटाने के बाद जमीन की रजिस्ट्री के दस्तावेज सामने आने के बाद पंचकूला के तहसीलदार व नायब तहसीलदार के रजिस्ट्री करने से इंकार के बाद सरप्लस जमीन को हथियाने की साजिश का राज खुलने लगा तो बड़़े बड़े चेहरों से नकाब हटना शुरू हुआ। आईएएस गुलाटी दंपति के बाद अब इस मामले में आईएएस फुलिया दंपति व उनके बेटे के नाम भी जुड गए हैं। मामला उजागर होने के बाद मुख्यमंत्री ने आईएएस पी अवनीत कुमार व एचएसवीपी की अध्यक्षता में एचएसवीपी के मुख्य प्रकाशक टीएल सतप्रकाश सहित चार अफसरों की की कमेटी बनाई है। सरकार जमीन की रजिस्ट्री पर पहले ही रोक लगा चुकी है। जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद वास्तविकता सामने आएगी।

रेणु फुलिया ने हटाया था 21 साल पुराना स्टे 

आईएएस दंपति शशि व सुनील गुलाटी द्वारा दो दशक से भी अधिक समय पूर्व अपने रिश्तेदारों के नाम से खरीदी गई इस जमीन के इंतकाल पर तत्कालीन कलेक्टर एग्रेरियन ने सभी सात गांवों की जमीन पर स्टे लगा दिया था। जिससे जमीन का इंतकाल अटका हुआ था। अंबाला मंडलायुक्त रेणु फुलिया ने जमीन पर लगा 21 साल पुराना स्टे हटा दिया। खास बात यह है कि इस जमीन की रजिस्ट्री भी न मंडलायुक्त के आईएएस पति एवं सूचना आयुक्त एसएस फुलिया व बेटे सहित चार लोगों के नाम ही होनी थी, बल्कि मंडलायुक्त के सामने अपील करने से दो माह पहले 11 करोड़ में जमीन का सौदा भी हो चुका था। जिसे आईएएस अधिकारी शशि गुलाटी व सुनील गुलाटी से खरीदा था।

राजा भगवंत सिंह की थी 1396 एकड़ जमीन

पंचकूला बीड़ फिरोजड़ी समेत सात गांवों की 1396 एकड़ जमीन से जुड़ा यह विवाद है, जो राजा भगवंत सिंह की थी। यह जमीन सरप्लस एक्ट 1953 और 1972 के तहत थी। पूर्व आईइएएस सुनील गुलाटी ने खुद और उनकी बहन के नाम 2002 के दौरान राजा व उनके वारिसों से 14 एकड़ जमीन खरीदी। 2003 के समय तत्कालीन कलेक्टर एग्रेरियन ने इन सभी सात गांवों की जमीन पर स्टे लगा दिया था, जिस कारण जमीन का इंतकाल नहीं हो पाया। सूचना आयुक्त एसएस फुलिया ने बेटे व दो अन्य लोगों के साथ पहले आईएएस गुलाटी दंपति से 11 करोड़ में जमीन का सौदा किया तथा इसके दो माह बाद मंडलायुक्त के सामने स्टे हटाने की याचिका लगाई। स्टे हटने के बाद गुलाटी दंपत्ति ने जमीन का इंतकाल दर्ज करवाया तथा रजिस्ट्री के दस्तावेज तैयार कर पंचकूला तहसील में रखे। तहसीलदार न नायब तहसीलदान ने शक होने पर न केवल रजिस्ट्री करने से इंकार किया, बल्कि मामला डीसी के मार्फत आला अफसरों तक पहुंचा। जिसके बाद रजिस्ट्री पर रोक लगने के बाद बेशकीकती सरप्लस जमीन के हथियाने के खेल की परते खुलनी शुरू हुई।

मार्च 2023 में कर लिया था सौदा 

बीड़ फिरोजड़ी की सरप्लस जमीन का 11 करोड़ में सौदा कर 28 मार्च 2023 में ही रजिस्ट्री के दस्तावेज तैयार कर लिए गए थे। डाक्यूमेंट के मुताबिक 20 जून 2023 से 22 जून 2023 के बीच 24-24 लाख रुपये बयाने के दिए गए थे। जिसके दो माह बाद सरप्लस जमीन पर लगा स्टे हटाने की अपील अंबाला मंडलायुक्त के सामने दायर की। आईएएस गुलाटी दपंत्ति से पूर्व आईएएस एवं सूचना आयुक्त एसएस फुलिया, उनके बेटे ने दो अन्य लोगों के साथ मिलकर सौदा किया था। मंडलायुक्त के स्टे हटाते ही रजिस्ट्री के लिए पहले से तैयार दस्तावेज तहसील पहुंच गए।

जांच कमेटी में यह शामिल 

आईएएस अमनीत पी कुमार की अध्यक्षता में गठित कमेटी में एचएसवीपी के मुख्य प्रकाशक टीएल सत्यप्रकाश के अलावा जिला अटार्नी सुखराम व राजस्व विशेषज्ञ सेवानिवृत्त एचपीएस आके गर्ग को शामिल किया गया है। ऐसे में अब सरप्लस जमीन का मामला इसमें शामिल पूर्व आईएएस और वर्तमान अफसरों व उनके परिजनों के गले की फांस बन सकता है। जिसकी लिखित शिकायत पुलिस के पास पहुंच चुकी है।

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