Panipat: प्रथम महिला रेखा शर्मा ने बुधवार को जिला सचिवालय में आयोजित जिला परिषद की बैठक में अपने पद से इस्तीफा दे दिया। रेखा शर्मा ने इस्तीफा जिलाधीश डॉ. वीरेंद्र दहिया को सौंपा। वहीं सच्चाई यह थी कि रेखा शर्मा यदि अपने पद से इस्तीफा नहीं देती तो उनके खिलाफ जिला परिषद की बैठक में अध्यक्ष पद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव हर हाल में पारित होना था। स्मरण है कि रेखा शर्मा के खिलाफ 12 पार्षदों ने अविश्वास जताते हुए जिलाधीश को ज्ञापन सौंपा था।
सीएम के कहने पर दिया इस्तीफा
ज्योति शर्मा ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बातचीत की थी, उन्होंने सीएम को स्थिति से अवगत करवाया था। वहीं सीएम मनोहर लाल ने पूरे प्रकरण की जानकारी लेने के बाद उन्हें जिला परिषद से इस्तीफा देने की सलाह दी थी। वहीं रेखा ने दावा किया कि सीएम मनोहर ने उन्हें कोई नई जिम्मेदारी सौंपने का भी आश्वासन दिया है। वहीं उन्होंने जिला परिषद अध्यक्ष पद को कीचडबाजी का पद करार दिया।
12 पार्षद हो गए थे खिलाफ
25 जनवरी को 12 पार्षदों ने जिलाधीश को शपथ पत्र देकर जिला परिषद की अध्यक्ष रेखा शर्मा के खिलाफ बैठक का आयोजन कर अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की थी। 29 जनवरी को डीएम ने अविश्वास प्रस्ताव पर नौ फरवरी की मीटिंग रखी। मगर, इसे टाल दिया गया। इसके बाद 21 फरवरी को फिर छह पार्षदों ने डीएम से मिलकर अविश्वास की तारीख तय करने की मांग की थी। मीटिंग नहीं होने पर रेखा शर्मा के विरूद्ध हुए पार्षदों ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसके बाद जिला परिषद की बैठक छह मार्च को होनी तय हुई थी।
उपाध्यक्ष ने भी छोड़ा साथ
पानीपत जिला परिषद में 17 वार्ड है, वही जिला परिषद का उपाध्यक्ष बनने के बाद आर्य सुरेश मलिक ने भाजपा का त्याग कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। जबकि रेखा शर्मा को सदन में बहुमत साबित करने के लिए अपने पक्ष में छह वोट और जुटाने थे, लेकिन वे अपने पक्ष में बहुमत लायक वोट नहीं जुटा पाई और पद जाते देख अपने पद से इस्तीफा दे दिया।