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Haryana Roadways Strike: हरियाणा रोडवेज कर्मचारी साझा मोर्चा ने रोडवेज बसों की हड़ताल का ऐलान किया है। इसके चलते रोडवेज बसों का संचालन ठप कर दिया गया है, जिसकी वजह से यात्री खासे परेशान हैं।

Haryana Roadways Strike: हरियाणा रोडवेज कर्मचारी साझा मोर्चा ने आज बुधवार को चक्का जाम करने का ऐलान किया। सुबह से ही रोडवेज कर्मचारी सड़कों पर उतर आए और बसों का संचालन ठप कर दिया। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि आज किसी भी डिपो में एक भी बस को निकलने नहीं दिया जाएगा। हड़ताल के चलते यात्रियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार ने दावा किया था कि कर्मचारियों से बातचीत करके बीच का रास्ता निकालेंगे, लेकिन कर्मचारी नेताओं का कहना है कि हमारी मांग को लंबे समय से नहीं सुना जा रहा है। उधर, हड़ताल के चलते सभी जिलों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। तमाम अपडेट्स के लिए यहां जुड़े रहिये...

हिसार में सुबह ढाई बजे से चक्का जाम

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिसार में अलसुबह ढाई बजे से रोडवेज बसों का चक्का जाम कर दिया गया। कर्मचारी नेता रात को ही डिपो पर पहुंच गए और लंबे रूट पर जाने वाली बसों को भी रोक दिया गया। इसके कारण कड़ाके की सर्दी में यात्रियों की परेशानियां और बढ़ गईं। यही नहीं, कॉन्ट्रेक्ट पर लगे कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हो चुके हैं।

अंबाला में भी चक्का जाम का असर

अंबाला में भी रोडवेज कर्मचारियों ने बसों का चक्का जाम कर दिया। जिले की बात करें तो करीब 210 बसें ऑन रूट हैं। इनमें से 190 बसें सरकारी हैं, जबकि 20 बसें किलोमीटर स्कीम की हैं। इन 190 बसों में से करीब 34 बसें नारायणगढ़ डिपो से चलती हैं, जबकि 20 किलोमीटर स्कीम की बसों में से 5 नारायणगढ़ डिपो से चलती हैं। ये सभी बसें अंबाला डिपो से चलती हैं।

छोटे रूटों की बात करें तो 30 से अधिक रूटों पर अंबाला डिपो की बसें जाती हैं। अंबाला डिपो के पास कुल 237 बसें हैं। यहां 550 के करीब चालक और परिचालक हैं। अंबाला छावनी बस अड्डा से करीब 15 हजार यात्रियों का रोजाना आवागमन होता है। ऐसे में हड़ताल के चलते यहां भी यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। 

प्राइवेट वाहन चालकों ने चांदी कूटी

रोडवेज कर्मचारियों की इस हड़ताल के चलते लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए निजी वाहनों का साहरा लेना पड़ा। निजी वाहन चालकों ने यात्रियों की इस मजबूरी का जमकर फायदा उठाया। यात्रियों का कहना है कि निजी वाहन चालक दोगुना किराया वसूल रहे हैं। चूंकि उनके पास अन्य कोई विकल्प नहीं है, लिहाजा वे मुंहमांगा किराया देने को बेबस हैं।    

'हमारी मांगों को नहीं सुन रही सरकार'

साझा मोर्चा यूनियन के सदस्य जयवीर घनघस ने बताया कि साझा मोर्चा में दस संगठन हैं। रोडवेज के सभी कर्मचारियों ने सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ चक्का जाम किया है। उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगों को सरकार पूरा नहीं करती है, तब तक इसी तरह अपना विरोध दर्ज कराते रहेंगे। 

हड़ताल का कारण

सांझे मोर्चे प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि उनकी परिवहन मंत्री और उच्च अधिकारियों के साथ 11 जनवरी 2023, 10 मार्च 2023, 23 जून 2023 और 13 दिसंबर 2023 को चार दौर की बातचीत हो चुकी है। इसमें जो मांगे मानी गई थी, उन्हें आजतक पूरा नहीं किया गया। इस कारण हड़ताल ही उनके पास एक विकल्प बचा है। कर्मचारी संगठनों ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि आज, 24 जनवरी की सांकेतिक हड़ताल के बाद यदि बात नहीं बनी तो कर्मचारी लंबे समय के लिए हड़ताल पर जा सकते हैं। 

क्या थी मांग  

हरियाणा के एक बस ड्रईवर राजवीर (उम्र 51) पर 12 और 13 नवंबर की मध्यरात्रि को अंबाला में अज्ञात हमलावरों द्वारा हमला किए गया था, उस वजह से ड्रईवरकि मौत हो गई थी। इसके बाद प्रदर्शन कर रहे कर्मचारी हमलावरों की गिरफ्तारी, राजवीर के परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की थी। 

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